BCCI vs Byju’s: दिक्कतों से जूझ रही बायजूज की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न (Think and Learn) को एक और बड़ा झटका लगा है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने आज 16 जुलाई को भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई की याचिका को स्वीकार कर लिया है। यह याचिका दिवालिया प्रक्रिया से जुड़ी हुई है। ट्रिब्यूनल ने पंकज श्रीवास्तव को अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के तौर पर नियुक्त कर दिया है। पंकज तब तक इस कंपनी को चलाएंगे, जब तक कि लेंडर्स कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स के रूप में एक कमेटी नहीं बना लेते हैं।
Byju’s की कमान जल्द ही लेंडर्स के हाथों में
एनसीएलटी के आदेश के मुताबिक पंकज का काम लेंडर्स की कमेटी बनने तक कंपनी को संभालना है। इसके अलावा थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जितने भी दावे हैं, उन सभी के मिलान और कॉरपोरेट देनदार यानी बायजूज की वित्तीय स्थिति का निर्धारण करने के बाद लेनदारों की एक समिति का गठन करना है। एनसीएलटी का कहना है कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC), 2016 के सेक्शन 9 के तहत दायर बीसीसीआई की याचिका को खारिज कर बायजूज के खिलाफ कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूश प्रोसेस (CIRP) शुरू न करने की कोई वजह नहीं दिखती है। आईबीसी के नियमों के मुताबिक अब कंपनी की कमान मौजूदा मैनेजमेंट के हाथों से लेकर कंपनी के क्रेडिटर्स को सौंप दी जाएगी। जब तक यह प्रोसेस चलेगा, बायजूज के किसी एसेट्स का लेन-देन भी नहीं हो सकेगा।
BCCI vs Byju’s: पिछले साल सितंबर में दायर हुई थी याचिका
बीसीसीआई ने पिछले साल 8 सितंबर 2023 को याचिका दायर की थी। इसके बाद 28 नवंबर को ही इस पर सुनवाई शुरू हुई थी। पहली सुनवाई में एनसीएलटी ने बायजूज को नोटिस जारी कर उसकी प्रतिक्रिया मांगा था। नवंबर 2023 के ऑर्डर के मुताबिक बीसीसीआई का दावा है कि बायजूज 158 करोड़ रुपये के पेमेंट में डिफॉल्ट हो गई थी। एनसीएलटी के आदेश के मुताबिक 6 जनवर 2023 को बायजूज को आम नोटिस जारी किया गया था और उसमें डिफॉल्ट अमाउंट 158 करोड़ रुपये था जिसमें जीएसटी शामिल नहीं है।