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Byju’s News: वित्तीय और कानूनी दिक्कतों से जूझ रही बायजूज के शेयरहोल्डिंग पैटर्न में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हो सकता है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बायजूज से कहा कि मौजूदा शेयरहोल्डर्स और उनकी होल्डिंग पर यथास्थिति बनाए रखे। एनसीएलटी ने आज गुरुवार 13 जून को कहा कि यह यथास्थिति तब तक बनाए रखना है, जब तक कि मुख्य याचिका की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है। इसके अलावा बायजूज को ट्रिब्यूनल ने एस्क्रो बैंक खातों से जुड़ी पूरी डिटेल्स देने को कहा है। यह डिटेल्स 29 जनवरी से यानी जब राइट इश्यू खुला था, उस समय से लेकर अब तक का देना है। यह डिटेल्स 12 जून से 10 दिन के भीतर देना है। अब इस मामले की सुनवाई अगले महीने 4 जुलाई को होगी।
Byju’s पर क्या पड़ा NCLT के निर्देश का असर?
इस आदेश ने बायजू को दूसरे राइट्स इश्यू के साथ आगे बढ़ने से रोक दिया, जो निवेशकों के अनुसार 13 मई को शुरू हुआ था और 13 जून को समाप्त होना था। बायजूज को दूसरे राइट्स इश्यू से अब तक एकत्र किए गए किसी भी फंड का उपयोग करने से रोक दिया गया है। इसे एक अलग खाते में जमा किया जाना है और इसका इस्तेमाल तब तक नहीं हो सकता है, जब तक कि मुख्य याचिका का निपटारा नहीं हो जाता है।
कौन-कौन सी डिटेल्स देनी है बायजूज को
ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल बढ़ने से पहले 2 मार्च को जो अलॉटमेंट हुआ था, उसकी पूरी डिटेल्स बायजूज को देनी है। इसमें शेयरहोल्डर का नाम, 27 जनवरी को उनकी होल्डिंग, राइट्स इश्यू के तहत कितने शेयर मिलेंगे और 23 मार्च को अलॉट हुए शेयर; इन सबकी डिटेल्स देनी है। इसके अलावा ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल बढ़ने के बाद कितने इक्विटी शेयर अलॉट किए गए, यह भी डिटेल्स देनी है।
किस याचिका पर एनसीएलटी ने दिया आदेश
एनसीएलटी ने यह आदेश Peak XV Partners, जनरल अटलांटिक, चान-जुकरबर्ग इनीशिएटिव और प्रोसुस जैसे निवेशकों की याचिका पर दिया है। निवेशकों ने एनसीएलटी के पास बायजूज के दूसरे राइट्स इश्यू को रोकने के लिए याचिका दायर किया था। उन्होंने ऐसा आग्रह इसलिए किया था कि इससे उनकी होल्डिंग कंपनी में कम हो जाएगी। सुनवाई के दौरान निवेशकों ने यह भी आरोप लगाया कि बायजूज ने राइट्स इश्यू से मिले पैसों को 27 फरवरी से पहले एस्क्रो अकाउंट में नहीं जमा कराया।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जहां तक शेयर होल्डिंग का सवाल है, यथास्थिति बनाए रखने के ट्रिब्यूनल के आदेश की अनदेखी करते हुए राइट्स इश्यू में भाग लेने वालों को शेयर आवंटित किए गए। 27 फरवरी को अपने आदेश में एनसीएलटी ने बायजू को निर्देश दिया था कि वह ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल को बढ़ाए बिना राइट्स इश्यू में भाग लेने वाले निवेशकों को शेयर आवंटित न करे। निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए राइट्स इश्यू से मिले पैसों को एस्क्रो खाते में रखने के लिए भी कहा गया था।
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