Byju’s News: ‘हर देश को बायजूज की जरूरत है’, ऐसा कहने वाले बायजू रवींद्रन का अपनी ही बनाई हुई कंपनी पर नियंत्रण खत्म हो चुका है। एक शिक्षक से स्टार्टअप बिलेनियर का सफर तय करने वाले बायजू रवींद्रन की एडुटेक स्टार्टअप बायजूज का भविष्य अब अपनी सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। देश के सबसे बड़े स्टार्टअप की किस्मत अब अदालत तय करेगी। कभी वैश्विक निवेशक इसमें धड़ाधड़ पैसे लगा रहे थे लेकिन अब इसकी वैल्यू 2200 करोड़ डॉलर से गिरकर 200 करोड़ डॉलर से भी नीचे आ गई। चूंकि इसकी दिवालिया प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो इसका मैनेजमेंट अब सस्पेंड हो चुका है। हालांकि इसके खिलाफ बायजूज ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT में अपील की है।
Byju’s कैसी पहुंची इस हालत में?
बायजूज फाइनेंशियल मैनेजमेंट और कंप्लॉयंस से जुड़े मामलों से घिरी हुई है। हालांकि इसकी दिक्कत तब बढ़ी यानी कि इसके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया तब शुरू हुई, जब बीसीसीआई ने इसके खिलाफ याचिका दायर की। भारतीय क्रिकेट बोर्ड BCCI ने 158 करोड़ रुपये के स्पांसरशिप बकाए को लेकर ही इसे एनसीएलटी में घसीट लिया। इसी मामले में ट्रिब्यूनल ने बायजूज के बोर्ड को भंग कर दिया और कंपनी की कमान अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के हाथों में है।
Byju Raveendran की किस्मत पर आज हो सकता है फैसला?
एनसीएलटी की याचिका के खिलाफ बायजूज ने एनसीएलएटी में याचिका दायर की है। इस पर आज सुनवाई हो सकती है। बायजूज रवींद्रन का कहना है कि अगर इनसॉल्वेंसी के चलते कंपनी बंद हो सकती है और अगर ऐसा हुआ तो 27 हजार लोगों की नौकरी चली जाएगी। इससे निवेशकों को भी झटका लगेगा। मनीकंट्रोल से बाततीत में बायजूज के सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कंपनी एक महीने के भीतर 158 करोड़ रुपये की पूरी रकम एक साथ देने को तैयार है। रवींद्रन ने कंपनी में मिसमैनेजमेंट और गलत तरीकों के आरोपों से इनकार किया है। इसमें जनरल अटलांटिक, प्रोसुस और फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग के वेंचर ने भी पैसे लगाए हुए हैं।