Byju’s Crisis: NCLT ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को 158.9 करोड़ रुपये का भुगतान न कर पाने के चलते एडटेक स्टार्टटप Byju’s के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का फैसला दिया। स्टार्टअप के पूर्व मैनेजमेंट ने इस फैसले को NCLAT में चुनौती दी है। NCLAT के Byju’s की अपील पर 22 जुलाई को सुनवाई करने की उम्मीद है। एक वक्त ऐसा था, जब Byju’s भारत का सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाला स्टार्टअप हुआ करता था। इसकी पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड है।
Byju’s ने अतीत में भारतीय क्रिकेट टीम को स्पॉन्सर किया था। स्टार्टअप, BCCI को 158 करोड़ रुपये का स्पॉन्सरशिप बकाया नहीं चुका सका है। Byju’s का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “कंपनी हजारों कर्मचारियों के साथ वित्तीय रूप से सक्षम है। मैं एक महीने के अंदर एक किस्त में पूरे 158 करोड़ रुपये जमा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” सिंघवी ने NCLAT से 18 या 19 जुलाई में सुनवाई की अपील की थी लेकिन NCLAT ने कहा कि वह अगले सप्ताह की सुनवाई कर सकेगा। लिहाजा सुनवाई अगले सप्ताह के पहले दिन 22 जुलाई को होने की उम्मीद है।
NCLT ने Byju’s के पुराने बोर्ड को किया सस्पेंड
नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु पीठ ने 16 जुलाई को Byju’s की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न के खिलाफ दिवाला कार्यवाही की अनुमति दी और एक इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त किया। NCLT ने साथ ही कंपनी के बोर्ड को भी सस्पेंड कर दिया और इसकी संपत्ति को जब्त कर दिया। NCLT ने आदेश दिया कि Byju’s के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन IRP पंकज श्रीवास्तव को रिपोर्ट करेंगे।
NCLT की ओर से नियुक्त IRP तब तक कंपनी संभालेंगे, जब तक लेंडर्स क्रेडिटर्स की कमेटी (CoC) नहीं बना लेते हैं। NCLT ने मामले को ऑर्बिट्रेशन यानी मध्यस्थ के पास भेजने के Byju’s के अनुरोध को खारिज कर दिया। इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के दौरान Byju’s अपनी किसी संपत्ति की बिक्री नहीं कर सकता है। इसके अलावा Byju’s के खिलाफ कोई मुकदमा भी आगे नहीं बढ़ सकता है और न ही कर्ज पर ब्याज।