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Byju’s राइट्स इश्यू से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी, अलग खाते में रखना होगा

bareillyonline.com by bareillyonline.com
29 February 2024
in न्यूज़
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नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) की दो जजों की बेंच ने बायजूज (Byju’s) की पेरेंट कंपनी Think & Learn Private Limited को राइट्स इश्यू से जुटाए गए पैसे को अलग अकाउंट में रखने को कहा है। इसका मतलब है कि कंपनी इस पैसे का फिलहाल इस्तेमाल नहीं कर सकेगी। चार बड़े इनवेस्टर्स की तरफ से फाइल की गई अपील पर बेंच ने सुनवाई की। अपील में बायजूज के फाउंडर्स और मैनेजमेंट पर मिसमैनेजमेंट का आरोप लगाया गया है। हालांकि, कोर्ट ने फंड जुटाने की कवायद पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

राइट्स इश्यू से 1650 करोड़ जुटाए हैं

बायजूज (Byju’s) का 20 करोड़ डॉलर (करीब 1,650 करोड़ रुपये) का राइट्स इश्यू पूरी तरह सब्सक्राइब हुआ था। कंपनी ने यह राइट इश्यू अपने पीक वैल्यूएशन से करीब 99 फीसदी कम भाव पर जारी किया था। कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन ने निवेशकों को भेजे लेटर में कहा था, “हमारे राइट्स इश्यू को पूरी तरह से सब्सक्राइब किया गया है। मेरी सफलता का मानदंड राइट्स इश्यू में सभी शेयरधारकों की भागीदारी है। हमने इस कंपनी को एक साथ बनाया है और मैं चाहता हूं कि हम सभी इस नए मिशन में भाग लें।”

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गंभीर संकट से गुजर रही हैं कंपनी

बायजूज एक समय सबसे बड़ा ऐडटेक स्टार्टअप था। लेकिन, एक-डेढ़ साल से कंपनी मुश्किलों में घिरी हुई है। यह नकदी संकट से जूझ रही है। कंपनी के कई इनवेस्टर्स ने खराब हालत के लिए रवींद्रन को जिम्मेदार ठहराया है। रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से हटाने के लिए हाल में कंपनी की एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) हुई थी। इस बैठक में बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया था। इस बैठक में रवींद्रन को कंपनी के प्रमुख के पद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया। रवींद्रन ने इस बैठक को गैरकानूनी ठहराया।

राइट्स इश्यू क्या है?

कंपनी पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू पेश करती है। इस इश्यू में सिर्फ उन इनवेस्टर्स को सब्सक्राइब करने की इजाजत होती है, जिनके पास पहले से कंपनी के स्टॉक्स होते हैं। आम तौर पर कंपनी राइट्स इश्यू में प्रत्येक शेयर की कीमत कम रखती है। इसका मकसद इनवेस्टर्स को राइट्स इश्यू में निवेश करने के लिए अट्रैक्ट करना होता है।

यह भी पढ़ें: Vedanta को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका, कॉपर प्लांट को फिर से खोलने की याचिका खारिज 

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