Byju’s Crisis: एडटेक स्टार्टअप Byju’s की पेरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ (Think & Learn Private Limited) फिलहाल आकाश एजुकेशन सर्विसेज लिमिटेड (Aakash Education Services Limited) में करीब 6 प्रतिशत हिस्सेदारी नहीं बेच सकेगी। यह आदेश एक आपातकालीन मध्यस्थता अदालत ने दिया है। आकाश एजुकेशन, थिंक एंड लर्न की सहायक कंपनी है, जो अरबपति डॉक्टर रंजन पई के नेतृत्व वाले MEMG फैमिली ऑफिस से जुटाए गए लगभग 350 करोड़ रुपये का भुगतान करने में विफल रही है। MEMG फैमिली ऑफिस ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मार्च में मध्यस्थता कार्यवाही शुरू की थी।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वाले एक कानूनी प्रतिनिधि ने बताया, “आपातकालीन मध्यस्थ ने Byju’s को MEMG फैमिली ऑफिस से लगभग 350 करोड़ रुपये का लोन लेने के समय, कंपनी की ओर से दी गई अंडरटेकिंग्स के अनुसार आकाश एजुकेशन में लगभग 6 प्रतिशत हिस्सेदारी का ट्रांसफर न करने या कोई अधिकार क्रिएट न करने के लिए कहा है।”
प्रतिनिधि ने कहा कि भारत में सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर नियमों के तहत नियुक्त एक आपातकालीन मध्यस्थ की ओर से 4 अप्रैल को निर्देश जारी किए गए थे।
Byju’s के एक सूत्र ने कहा कि मध्यस्थता आदेश काफी हद तक यथास्थिति बरकरार रखता है और किसी भी तरह से आकाश एजुकेशन या थिंक एंड लर्न की वैल्यू के लिए हानिकारक नहीं है। आगे कहा कि MEMG की ओर से मध्यस्थता प्रक्रिया को लेकर Byju’s की टीम कंपनियों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए इसे हल करने के लिए बातचीत कर रही है।
संकटग्रस्त एडटेक फर्म Byju’s महामारी के बाद लिक्विडिटी की कमी का सामना कर रही है और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रही है।