Byju’s News: लिक्विडिटी की दिक्कतों से जूझ रही एडुटेक कंपनी बायजूज (Byju’s) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बड़ी राहत दी है। एनसीएलटी ने बोर्ड डायरेक्टर्स की तरफ से बुलाई गई एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस बैठक को राइट्स इश्यू (Right Issue) को लेकर ऑथराइज्ड कैपिटल जुटाने के उद्देश्य से बुलाया गया है। अब इस मामले में एनसीएलटी अगले महीने 4 अप्रैल को सुनवाई करेगी। इसमें बाकी मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा। ईजीएम 29 मार्च को होनी है। इसमें ऑथराइज्ड कैपिटल बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
Byju’s और निवेशकों के बीच चल रही तकरार
निवेशकों के मुताबिक एनसीएलटी ने 27 फरवरी को जो आदेश दिया था, उसके उद्देश्य को फेल करने के लिए ही यह ईजीएम बुलाई गई है। 27 फरवरी को एनसीएलटी ने बायजूज को राइट्स इश्यू से मिले पैसों को तब तक एस्क्रो खाते में रखने का निर्देश दिया जब तक कि चार निवेशकों की तरफ से दायर उत्पीड़न और खराब मैनेजमेंट से जुड़ी याचिका पर फैसला न आ जाए। ट्रिब्यूनल ने बायजूज राइट्स इश्यू की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने पर विचार करने का निर्देश दिया था ताकि इसके लिए अप्लाई करने के अधिकारों पर विपरीत असर न पड़े। हालांकि एनसीएलटी ने राइट्स इश्यू को रोकने की याचिका को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया। अभी आदेश सुनाया जाना बाकी है।
आज सुनवाई के दौरान निवेशकों ने यह भी कहा कि बायजूज ने उन्हें ईजीएम में वोट करने के तरीके पर फैसला लेने के लिए डॉक्यूमेंट्स देखने का भी मंजूरी नहीं दी। इसके अलावा सभी निवेशकों को कानून के मुताबिक ईजीएम का नोटिस भी नहीं दिया गया है। वहीं बायजूज का कहना है कि निवेशकों को डॉक्यूमेंट देखने का मौका दिया गया था और सभी शेयरधारकों को ईजीएम बुलाने का नोटिस भी दिया गया था। एनसीएलटी ने कहा कि चूंकि मामले पर 4 अप्रैल को सुनवाई होनी है तो अब अंतरिम आदेश पारित करने की कोई वजह नहीं दिखती है।
निवेशकों ने EGM को बताया था गैरकानूनी
इससे पहले एनसीएलटी में सुनवाई के दौरान निवेशकों ने कहा था कि राइट्स इश्यू के लिए कंपनी का कदम अवैध और गैरकानूनी है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। वहीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कहना है कि निवेशक कंपनी के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में बायजूज के फाउंडर बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं।