बायजूज (Byju’s) की पैरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न (Think & Learn)’ की तरफ से लाया गया 20 करोड़ डॉलर का राइट्स इश्यू आज 28 फरवरी की आधी रात को बंद होने वाला है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बायजूज के शीर्ष निवेशक इस राइट्स इश्यू से दूर रह सकते हैं, यानी वह कंपनी में कोई नया पैसा नहीं लगाएंगे। संकटों से जूझ रही बायजूज ने इस राइट्स इश्यू को ऐसे समय में आगे बढ़ने का फैसला किया है, जब इसके 4 निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ “उत्पीड़न और मिसमैनेजमेंट” का आरोप लगाया है, जिस पर नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने 27 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
NCLT ने निवेशकों की इस याचिका पर बायजूज को 3 दिन के भीतर लिखित जवाब देने को कहा और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। प्रोसस, जनरल अटलांटिक और पीक XV उन निवेशकों में से थे जिन्होंने बायजूज के राइट्स इश्यू पर रोक लगाने की मांग की थी। उनका आरोप था कि उन्हें राइट्स इश्यू में भाग लेने के लिए मजबूर किया जा रहा था क्योंकि अगर वे इसमें शामिल नहीं हुए तो उनकी शेयरहोल्डिंग कम हो जाएगी।
निवेशकों ने बायजू और उसकी सहायक कंपनी की किसी भी संपत्ति को गिरवी रखने या उसे ट्रांसफर किए जाने पर भी रोक लगाने की मांग की थी। इससे पहले बायजूज के सीईओ बायजू रवींद्रन ने शेयरधारकों को लिखे एक लेटर में दावा किया था कि राइट्स इश्यू को पूरी तरह से सब्सक्राइब कर लिया गया है।
उन्होंने यह लेटर निवेशकों की ओर से 23 फरवरी को बुलाई गई एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) से पहले लॉन्च किया था। EMG में निवेशकों ने रवींद्रन को कंपनी से बाहर करने के लिए मतदान किया था। इस EGM में रवींद्रन, उनकी पत्नी और भाई (बोर्ड के इकलौते सदस्य) ने भाग नहीं लिया था।
निवेशकों ने EGM में कंपनी के लीडरशिप में बदलाव, बोर्ड का नए सिरे से गठन और कॉरपोरेट गवर्नेंस के कथित उल्लंघन की फॉरेंसिंग जांच शुरू करने के लिए प्रस्ताव पारित किया। बायजूज का वैल्यूएशन एक समय 22 अरब डॉलर पहुंच गया था और यह देश का सबसे अधिक वैल्यूएशन वाली स्टार्टअप बन गई थी।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बैठक से पहले कहा था कि EGM के फैसले को मामले में अगली सुनवाई तक लागू नहीं किया जा सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होनी है। थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने EGM बुलाए जाने के खिलाफ अदालत का रुख किया था।