Byju’s Crisis: एडटेक स्टार्टअप Byju’s ने भारत में अपने एक ऑफिस को अपने पास रखते हुए बाकी सभी ऑफिसेज को छोड़ दिया है। बचा हुआ ऑफिस, बेंगलुरु में नॉलेज पार्क के IBC में स्थित कंपनी का हेडक्वार्टर है। लिक्विडिटी के भारी संकट को दूर करने के लिए कॉस्ट कटिंग की दिशा में ऐसा किया गया है। Byju’s ने देश भर में लगभग 300 Byju’s ट्यूशन सेंटरों में काम करने वालों को छोड़कर बाकी सभी कर्मचारियों को अनिश्चितकाल के लिए घर से काम (Work from Home) करने को कहा है। Byju’s की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड है।
कंपनी के करीबी सूत्रों के मुताबिक, देश में सभी ऑफिसेज को बंद करने का फैसला Byju’s India के CEO अर्जुन मोहन के रिस्ट्रक्चरिंग प्लान का हिस्सा था। कंपनी हर कार्यालय की लीज समाप्त होते ही उसे बंद कर रही है।
फरवरी की सैलरी को लेकर क्या अपडेट
एक दिन पहले ही अपडेट था कि Byju’s ने कम वेतन पाने वाले 25 प्रतिशत कर्मचारियों को फरवरी का पूरा वेतन जारी कर दिया है। वहीं लगभग 75 प्रतिशत कर्मचारियों को फरवरी की सैलरी के कुछ हिस्से का पेमेंट किया गया है। स्टार्टअप ने वादा किया है कि वह हाल ही में क्लोज हुए राइट्स इश्यू (Byju’s Rights Issue) से हासिल पैसे का इस्तेमाल करने की इजाजत मिलने पर बाकी की सैलरी का भी भुगतान कर देगा। कंपनी के वर्तमान में भारत में करीब 14,000 कर्मचारी हैं।
कहां फंसा है Byju’s के राइट्स इश्यू का पैसा
राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाए गया पैसा, Byju’s के इनवेस्टर्स के साथ चल रहे विवाद के कारण “अलग खाते” में लॉक कर दिया गया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने 27 फरवरी के आदेश में Byju’s को, कंपनी के चार निवेशकों की ओर से दायर उत्पीड़न और कुप्रबंधन याचिका के सेटलमेंट तक राइट्स इश्यू से प्राप्त पैसे को एस्क्रो खाते में रखने का निर्देश दिया।
Byju’s पिछले कुछ वक्त से वेंचर कैपिटल फंडिंग में कमी और ऑनलाइन एजुकेशन के लिए डिमांड धीमी पड़ने की दोहरी मार झेल रही है। कंपनी ने पिछले 12 महीनों में हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इसके अलावा कई इनवेस्टर्स की ओर से कंपनी को विवादों और मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है।