नकदी संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूज (Byju’s) एक बार फिर अपने कर्मचारियों को सैलरी देने में देरी कर रही है। यह लगातार दूसरा महीना है, जब कर्मचारियों की सैलरी रोकी गई है। कंपनी ने कहा है कि राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई गई राशि को जारी करने के लिए फिलहाल NCLT से हरी झंडी का इंतजार है, जिससे वेतन जारी करने में दिक्कत आ रही है। दरअसल, पिछले महीने भी बायजूज के संस्थापक और CEO बायजू रविंद्रन ने यही तर्क दिया था।
कंपनी ने 1 अप्रैल को कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा है। इसमें लिखा गया है, ‘हमें यह बताते हुए काफी खेद है कि एक बार फिर आपकी सैलरी मिलने में देरी होगी। हमें भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और हम इंतजार कर रहे हैं कि फैसला हमारे हक में आए और हम राइट्स इश्यू के जरिए जुटाई गई रकम का इस्तेमाल करते हुए नकदी संकट से निपट सकें।’ कंपनी के एंप्लॉयीज को भेजी गई चिट्ठी में लिखा गया है, ‘हम दूसरे तरीके से कुछ उधार लेने की तैयारी कर रहे हैं ताकि आपको 8 अप्रैल तक सैलरी दी जा सके। राइट्स इश्यू से जुटाए गए फंड से प्रतिबंध हटने पर हम सैलरी से जुड़े अपने सारे वादे पूरे कर सकेंगे।
कर्मचारियों का दिया गया वर्क फ्रॉम होम
बायजूज ने कुछ समय पहले ही अपने सभी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कह दिया था। नकदी की कमी से जूझ रही कंपनी ने देश भर में अपने ऑफिस को खाली कर दिया है। कंपनी ने सिर्फ बेंगलुरु स्थित हेडक्वॉर्टर को अपने पास रखा है। ऑफिस छोड़ने का कदम बायजूज के भारत के CEO अर्जुन मोहन की उन कोशिशों का हिस्सा है, जिनके तहत कंपनी नकदी बचाने में जुटी है।
पिछले महीने भी नहीं मिला था वेतन
एंप्लॉयीज को लिखी चिट्ठी में रवींद्रन ने कहा था कि राइट्स इश्यू (तकरीबन 25-30 करोड़ डॉलर है) को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा था, ‘हालांकि, मुझे आपको यह बताते हुए खेद हो रहा है कि हम अब भी आपके वेतन को प्रोसेस करने में असमर्थ होंगे। पिछले महीने, हमें पूंजी की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा था और अब फंड होने के बावजूद हमें देरी का सामना करना पड़ रहा है।’