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नई दिल्ली37 मिनट पहले
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फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने कहा है कि मुश्किल समय में सहयोगियों ने साथ छोड़ दिया, जिससे कंपनी के हालात खराब हुए थे।
रवींद्रन ने वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग में ये बात कही। इस दौरान उन्होंने अपनी कंपनी के सबसे बुरे दौर, नेटवर्थ जीरो होने के साथ-साथ BCCI के साथ विवाद, फंड जुटाने, भारत छोड़ने और दुबई में रहने के करनों सहित कई मुद्दों पर बात की।
बोले मैं कंपनी धोखेबाज नहीं, होता तो अपना सारा पैसा नहीं लगाता
रवींद्रन कहा कि उनकी कंपनी धोखेबाज नहीं है। उन्होंने कहा कि जानबूझकर हमने कोई गलती नहीं की है। कोई फ्रॉड नहीं किया है। अगर फ्रॉड होता तो फाउंडर्स पैसा निकाल लेते, कंपनी में अपना सारा पैसा नहीं डाल देता। उन्होंने कहा ‘मैं डेडलाइन नहीं देना चाहता लेकिन मैं वापसी करूंगा’।
पढ़ें रवींद्रन के मीडिया इंटरेक्शन के मुख्य हिस्से…
- मई 2023 में एक ही साथ कंपनी के तीन बड़े निवेशक- प्रोसस, पीक XV पार्टनर्स और चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। यह फैसला कंपनी के लिए सबसे बड़ा झटका था।
- कंपनी ने अगले दो तीन साल में तेज ग्रोथ का अनुमान लगाया था और निवेशकों के दबाव में ही कंपनी ने एग्रेसिव ग्रोथ का रास्ता अपनाया, यह बड़ी गलती साबित हुई। इसी के चलते आज नेटवर्थ जीरो हो गई है।
- रवींद्रन ने बताया कि हमने एक साथ कई मार्केट में निवेश करना शुरू कर दिया। हमारी सभी एक्विजिशन और ग्रोथ के फैसले पर बोर्ड के मेंबर्स की 6-0 की वोटिंग के साथ मंजूरी मिली।
- कंपनी के कई इन्वेस्टर्स ने काफी पैसे बनाए। पीक XV ने काफी कम समय में 50 मिलियन डॉलर का निवेश कर करीब आठ गुना कमाया। हमने निवेशकों को 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा का रिटर्न दिया। रिटर्न के बारे में कोई बात नहीं करता।
- अगर हमारे पास ऐसे निवेशक होते जिन्होंने बड़ी कंपनियों में निवेश किया है, तो ये हमारे लिए बहुत मददगार सबित होता। हमारे पास मोहनदास पई जैसे लोग पहले होते तो अच्छा होता क्योंकि उन्होंने भारत में भी स्केलिंग देखी है।
- बायजू ने कहा, अच्छे समय में इन्वेस्टर कारोबार को बढ़ाकर 100 बिलियन डॉलर करना चाहते थे। उनके लिए फाइनेंशियल रिटर्न ज्यादा जरूरी मालूम हो रहे थे। उन्होंने छात्रों की बिल्कुल चिंता नहीं की। मुझे व्हाइटहैट जूनियर के लिए सबसे ज्यादा सपोर्ट मिला। लेकिन आकाश के लिए रेजिस्टेंस मिला।
- उन्होंने बताया कि उनके पास बायजूस की पेरेंट कंपनी थींक एंड लर्न में 26% से ज्यादा की हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि फंड डालने के बाद इसमें इजाफा भी हुआ है। हालांकि उन्होंने कहा कि मैं डेटा बताना नहीं चाहता हूं।
- रवींद्रन ने कहा कि NCLAT का जो भी आदेश आएगा मैं रास्ता खोज लूंगा। दुनिया में ऐसी कोई मुश्किल नहीं है जिसका समाधान नहीं किया जा सकता है। मैं डेडलाइन नहीं देना चाहता लेकिन मैं वापसी करूंगा।
- मैं कहीं भाग नहीं रहा हूं। अगर हमें भागना होता तो हम ये काफी पहले कर चुके होते। ये दुख की बात है कि लोग ये सोचते हैं कि मैं भारत से भाग चुका हूं। मैं चार साल पहले अपने पिता के स्वास्थ्य कारणों से यहां आया था।
रवीन्द्रन ने मैथमैटिक्स टीचर के तौर पर की थी करियर की शुरुआत
बायजू रवीन्द्रन एक मैथमैटिक्स टीचर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। 2011 में उन्होंने बायजूस की स्थापना की, तब यह सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला स्टार्टअप बन गया। कंपनी ने 2022 में इसकी वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर करीब 1.84 लाख करोड़ रुपए बताई थी। बायजूस प्राइमरी लेवल से लेकर MBA तक के स्टूडेंट्स को कोचिंग देती है।
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अप्रैल में बायजू रवींद्रन की नेटवर्थ जीरो हो गई थी, तब फोर्ब्स ने उन्हें बिलेनियर्स की लिस्ट से भी बाहर कर दिया था
इस साल अप्रैल 4 अप्रैल को वित्तीय संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन की नेटवर्थ शून्य हो गई थी। एक साल पहले यानी 4 अप्रैल 2023 को उनकी नेटवर्थ 2.1 बिलियन डॉलर (तब करीब ₹17,545 करोड़) थी। फोर्ब्स की बिलेनियर इंडेक्स 2024 में ये जानकारी सामने आई थी।
फोर्ब्स ने अपने रिपोर्ट में बताया था कि पिछले साल की लिस्ट से इस बार 4 लोगों को बाहर किया गया है, उनमें रवीन्द्रन भी शामिल हैं। इससे पहले ब्लैकरॉक ने बायजूस की वैल्यूएशन घटाकर 1 बिलियन डॉलर कर दी थी। 2022 में इसकी पीक वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर थी।
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