Brain Bleeding Treatment in Hindi: ब्रेन ब्लीडिंग एक प्रकार का स्ट्रोक है। यह तब होता है, जब मस्तिष्क और खोपड़ी के बीच रक्त जमा होने लगता है। आपको बता दें कि मस्तिष्क, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाने के लिए रक्त वाहिकाओं पर निर्भर रहता है। ऐसे में जब मस्तिष्क रक्तस्त्राव या ब्रेन ब्लीडिंग होती है, तो मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है। इससे खोपड़ी और मस्तिष्क के बीच के क्षेत्र में रक्त का रिसाव होने लगता है। इस स्थिति में ऑक्सीजन, मस्तिष्क के ऊतकों तक भी नहीं पहुंच पाता है। सिर पर कोई चोट लगना या गिरना, इसका एक मुख्य कारण हो सकता है। इसके अलावा, जिन लोगों का ब्लड प्रेशर अनियंत्रित रहता है, उनमें भी ब्रेन ब्लीडिंग होने का जोखिम अधिक बना रहता है। ब्रेन ब्लीडिंग एक जानलेवा स्थिति हो सकती है। इसलिए इसका समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। आइए, सुश्रुत ब्रेन एंड स्पाइन, नई दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. यशपाल सिंह बुंदेला से जानते हैं कि ब्रेन ब्लीडिंग का इलाज कैसे किया जाता है (Brain Bleeding ka Ilaj Kaise Kiya Jata Hai)?
ब्रेन ब्लीडिंग के लक्षण- Brain Bleeding Symptoms in Hindi
डॉ. यशपाल सिंह बताते हैं कि ब्रेन ब्लीडिंग के लक्षण, मस्तिष्क के उस हिस्से पर निर्भर करते हैं, जो रक्तस्त्राव से प्रभावित होता है। यानी ब्रेन ब्लीडिंग के लक्षण, इसके प्रकार पर निर्भर होते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं-
- हाथों या पैरों पर अचानक से झुनझुनी होना
- कमजोरी या सुन्नता का अनुभव होना
- शरीर के एक तरफ लकवा मारना
- अचानक से तेज सिरदर्द होना
- चक्कर आना
- शरीर में ऊर्जा की कमी
- ज्यादा नींद आना
- आंखों की रोशनी प्रभावित होना
- संतुलन बनाने में दिक्कत होना
- सांस लेने में परेशानी
ब्रेन ब्लीडिंग का इलाज कैसे किया जाता है?- Brain Bleeding Treatment Options in Hindi
ब्रेन ब्लीडिंग का इलाज कैसे किया जाना है, यह रक्तस्त्राव के आकार, मस्तिष्क में सूजन आदि पर निर्भर करता है। अगर समय पर इसका इलाज किया जाए, तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है।
दवाइयां
ब्रेन ब्लीडिंग के ज्यादातर मामले दवाइयों से ही ठीक हो जाते हैं। इन मामलों में डॉक्टर हाई ब्लड प्रेशर, दौरे और सिरदर्द को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों का उपयोग कर सकते हैं। अगर ब्लीडिंग कम है, तो इसका इलाज दवाइयों से ही किया जा सकता है।
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सर्जरी
ब्रेन ब्लीडिंग के कुछ मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। दरअसल, इन मामलों में मस्तिष्क से रक्त निकालने या क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं को रिपेयर करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन इसकी सर्जरी सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करवानी चाहिए। अगर सर्जरी जल्दी की जाए, तो रिजल्ट बेहतर हो सकता है। आपको बता दें कि सर्जरी अलग-अलग होते हैं। सर्जरी में थक्के को हटाने के लिए हड्डी का हिस्सा निकाला जाता है।
कैथेटर
इसमें लंबी और पतली ट्यूब को रक्त वाहिकाओं के माध्यम से पिरोया जाता है, जिससे यह प्रभावित क्षेत्र तक पहुंच जाए। इससे भी ब्रेन ब्लीडिंग के मरीज को आराम मिल सकता है।
ब्रेन ब्लीडिंग का इलाज दवाइयों और सर्जरी के माध्यम से किया जा सकता है। डॉक्टर मरीज की स्थिति के अनुसार दवाइयों या सर्जरी की सलाह देते हैं। इसलिए अगर आपको ब्रेन ब्लीडिंग के लक्षणों का अनुभव हो, तो इन्हें बिल्कुल नजरअंदाज न करें।