चितरंजन दास की जयंती
स्रोत: पी.आई.बी
5 नवंबर, 2024 को लोक सभा अध्यक्ष ने देशबंधु चित्तरंजन दास (सी.आर. दास) की जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
- सी.आर. दास देशबंधु के नाम से सुप्रसिद्ध हैं, जिसका अर्थ है “राष्ट्र का मित्र” और “राष्ट्रवाद का दूत”, उनसे सुभाष चन्द्र बोस जैसे युवा प्रेरित थे।
- अलीपुर बम केस (1908) में अरबिंदो घोष का बचाव करके उन्होंने बैरिस्टर के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की, जिसके परिणामस्वरूप अरबिंदो रिहा हो गए।
- उन्होंने ढाका षडयंत्र केस (1910-11) में बचाव पक्ष के वकील के रूप में भी कार्य किया।
- वह गांधीजी और मोतीलाल नेहरू के साथ जलियाँवाला बाग हत्याकांड (1919) की जाँच करने वाली एक गैर-आधिकारिक समिति का हिस्सा थे।
- प्रारंभ में उन्होंने असहयोग आंदोलन में संशोधन की मांग की, लेकिन बाद में वर्ष 1920 में अपनी वकालत त्यागकर इसका समर्थन किया।
- उन्होंने “परिषदों के माध्यम से असहयोग आंदोलन” को आगे बढ़ाने के लिये वर्ष 1923 में मोतीलाल नेहरू के साथ स्वराज्य पार्टी की सह-स्थापना की।
- उन्होंने वर्ष 1922 में गया अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, लेकिन परिषद में प्रवेश का उनका प्रस्ताव खारिज हो जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
- उनकी जीवनी, द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ सी.आर.दास, पृथ्वीश चंद्र रे द्वारा लिखी गई थी।
और पढ़ें: श्री अरबिंदो