Ardha Matsyendrasana Yoga: हाई कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करने के लिए अर्ध मत्स्येंद्रासन योग कर सकते हैं। अर्ध मत्स्येंद्रासन की मदद से मेटाबोलिक रेट को कम किया जा सकता है। अर्ध मत्स्येंद्रासन की मदद से बैड कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम किया जा सकता है। हाई कोलेस्ट्राल होना अच्छी स्थिति नहीं है। हाई कोलेस्ट्राल में कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। हाई कोलेस्ट्राल की स्थिति में, धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है। इससे हार्ट अटैक आ सकता है। अर्ध मत्स्येंद्रासन योग को करने से स्ट्रोक, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज आदि के खतरे से बचा जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे अर्ध मत्स्येंद्रासन को करने के फायदे और जरूरी स्टेप्स। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक के योगा एक्सपर्ट डॉ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव से बात की।
अर्ध मत्स्येंद्रासन योग को करने के फायदे- Ardha Matsyendrasana Yoga Benefits
- अर्ध मत्स्येंद्रासन योग की मदद से रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इस योग की मदद से रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
- इस योग की मदद से पाचन क्रिया में सुधार होता है।
- अर्ध मत्स्येंद्रासन योग की मदद से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।
- इस योग की मदद से पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और पीठ दर्द का इलाज करने में मदद मिलती है।
- इस आसन की मदद से मन मानसिक तनाव भी कम होता है।
- रक्त संचार को बेहतर बनाने के लिए इस योग को फायदेमंद माना जाता है।
अर्ध मत्स्येंद्रासन को करने का तरीका- How to Do Ardha Matsyendrasana Yoga
- सबसे पहले जमीन पर एक मैट बिछाएं।
- अब पैरों को सामने की ओर सीधा फैलाकर बैठ जाएं।
- दाएं घुटने को मोड़ लें।
- इसके बाद बाएं पैर के घुटने को साइड में बाहर की ओर रखें।
- अब बाएं घुटने को मोड़ लें।
- बाईं एड़ी को दाएं कूल्हे के नीचे रखें।
- अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- बाईं बाजू को दाएं घुटने के बाहर रखते हुए दाएंं टखने को पकड़ने की कोशिश करें।
- अब अपनी गर्दन और कमर को दाहिनी ओर घुमाएं।
- कुछ सेकेंड्स के लिए इसी स्थिति में बने रहें।
- फिर इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से दोहराएं।
अर्ध मत्स्येंद्रासन करते समय बरतें ये सावधानियां- Precautions For Ardha Matsyendrasana Yoga
- गर्भवती महिलाओं को इस योग को करने से बचना चाहिए।
- अगर किसी प्रकार की सर्जरी हुई है, तो भी इस योग को करने से बचें।
- अल्सर या हार्निया की समस्या होने पर इस आसन को करने से बचना चाहिए।
- रीढ़ की हड्डी में दर्द या चोट लगी है, तो इस योग को करने से बचें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।