आधारभूत पशुपालन सांख्यिकी 2024
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर) के अवसर पर आधारभूत पशुपालन सांख्यिकी 2024 (BAHS) को जारी किया।
- यह रिपोर्ट एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (ISS) के मार्च 2023 से फरवरी 2024 के परिणामों पर आधारित है एवं इसमें दूध, अंडे, मांस तथा ऊन जैसे प्रमुख पशुधन उत्पादों के रुझान को दर्शाया गया है।
- ISS पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक एवं बड़े पैमाने का सर्वेक्षण है।
- इसके तहत देश भर के 15% गाँवों को कवर किया जाता है जिसमें पशुधन संख्या के साथ दूध, मांस, ऊन एवं अंडे सहित प्रमुख उत्पादों के उत्पादन के आँकड़ों को शामिल किया जाता है।
नोट: राष्ट्रीय दुग्ध दिवस वर्गीज कुरियन (जिन्होंने श्वेत क्रांति के माध्यम से भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया) की जयंती पर मनाया जाता है।
BAHS 2024 की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
- दूध उत्पादन: वर्ष 2023-24 में भारत का कुल दूध उत्पादन 239.30 मिलियन टन (जो वर्ष 2022-23 की तुलना में 3.78% की वृद्धि दर्शाता है) अनुमानित है।
- भारत विश्व स्तर पर दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके शीर्ष 3 उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश शामिल हैं।
- प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वर्ष 2022-23 के 459 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 471 ग्राम प्रतिदिन रहना अनुमानित है।
- अंडा उत्पादन: वर्ष 2023-24 में कुल अंडा उत्पादन 142.77 बिलियन (जो वर्ष 2022-23 से 3.18% अधिक है) अनुमानित है।
- अंडा उत्पादन में भारत विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है। इसके शीर्ष 3 उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना हैं।
- मांस उत्पादन: वर्ष 2023-24 में भारत का कुल मांस उत्पादन 10.25 मिलियन टन (जो वर्ष 2022-23 की तुलना में 4.95% की वृद्धि दर्शाता है) अनुमानित है।
- इसके शीर्ष 3 उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र हैं।
- ऊन उत्पादन: वर्ष 2023-24 में भारत का कुल ऊन उत्पादन 33.69 मिलियन किलोग्राम (जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.22% की वृद्धि दर्शाता है) अनुमानित है।
- इसके शीर्ष 3 उत्पादक राज्य राजस्थान, जम्मू और कश्मीर एवं गुजरात हैं।
- पशुधन वृद्धि: वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक यह क्षेत्र 7.38% (स्थिर मूल्यों पर) की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है।
- कृषि में पशुधन की सकल मूल्यवर्द्धित (GVA) हिस्सेदारी 24.32% (वर्ष 2014-15) से बढ़कर 30.38 % (वर्ष 2022-23) हो गई।
- वर्तमान में मवेशियों की संख्या पर अद्यतन आँकड़े उपलब्ध कराने के लिये 21वीं पशुधन गणना चल रही है।
21 वीं पशुधन गणना
- हाल ही में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा 21वीं पशुधन गणना शुरू की गई।
- देश भर में पालतू पशुओं, मुर्गियों एवं आवारा पशुओं की संख्या पर आँँकड़े एकत्र करने के क्रम में प्रत्येक पाँच वर्षों में यह गणना की जाती है।
- वर्ष 1919 से अब तक कुल 20 पशुधन गणनाएँ हो चुकी हैं। 20वीं गणना वर्ष 2019 में की गई।
- डेटा संग्रहण: डेटा में पशुओं की प्रजाति, नस्ल, आयु, लिंग एवं स्वामित्व स्थिति के बारे में जानकारी शामिल की जाती है।
- गणना में शामिल पशु:
- पशु: इस गणना में 16 पशु प्रजातियों (जिनमें मवेशी, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सुअर, ऊँट, घोड़ा, छोटा घोड़ा, खच्चर, गधा, कुत्ता, खरगोश और हाथी शामिल हैं) को शामिल किया जाएगा।
- पोल्ट्री पक्षी: इस गणना में पोल्ट्री पक्षियों (जिनमें मुर्गियाँ, चिकन, बत्तख, टर्की, गीज़, बटेर, शुतुरमुर्ग और इमू शामिल हैं) की भी गणना की जाएगी।
- पशु: इस गणना में 16 पशु प्रजातियों (जिनमें मवेशी, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सुअर, ऊँट, घोड़ा, छोटा घोड़ा, खच्चर, गधा, कुत्ता, खरगोश और हाथी शामिल हैं) को शामिल किया जाएगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स
प्रश्न: एन.एस.एस.ओ. के 70वें चक्र द्वारा संचालित ‘‘कृषक-कुटुंबों की स्थिति आकलन सर्वेक्षण’’ के अनुसार निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 2 और 3
उत्तर: C
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