जौ एक ऐसा अनाज है, जिसका उपयोग प्राचीन समय से अलग-अलग तरीकों से भोजन में किया जा रहा है। आयुर्वेद में जौ को बेहद पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। जौ का नियमित सेवन शरीर में होने वाले त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ के संतुलन में सहायक हो सकता है और शरीर को एनर्जी और पोषण प्रदान करता है। पोषक तत्वों से भरपूर जौ में फाइबर की भी अच्छी मात्रा होती है, ऐस में इसका सेवन पाचन तंत्र को सुधारने और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है। जौ के नियमित सेवन से पाचन बेहतर होता है, जिससे मल त्याग नियमित होता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) आयुर्वेद के अनुसार जौ का सेवन करने के अनेक फायदे बता रहे हैं।
जौ के फायदे
पाचन के लिए फायदेमंद
आयुर्वेद में जौ को पाचन तंत्र के लिए लाभकारी माना गया है। यह पाचन अग्नि को प्रबल करता है, जिससे कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
वजन कंट्रोल
आयुर्वेद में, जौ को ‘लघु’ अर्थात हल्का और पचने में आसान बताया गया है। जौ में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, ऐसे में जौ का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है। इसके सेवन से ओवरईटिंग की इच्छा कम होती है और वजन कंट्रोल में मदद मिलती है।
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त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
जौ के नियमित सेवन का अच्छा असर त्वचा और बालों पर पड़ता है। इससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बालों का झड़ना कम हो सकता है।
डायबिटीज मैनेजमेंट
जौ में मौजूद फाइबर शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायक हो सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद फाइबर ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है।
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हार्ट हेल्थ के लिए बेहतर
जौ में मौजूद गुण हार्ट को हेल्दी रखने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। जिससे हार्ट डिजीज का खतरा कम हो सकता है।
जौ का सेवन कैसे करें?
1. जौ की खिचड़ी
जौ और दाल को बराबर मात्रा में लेकर इन्हें धोकर साफ करें और फिर प्रेशर कुकर में सब्जियों और मसालों के साथ स्वादानुसार नमक के साथ पकाएं। गर्मागर्म खिचड़ी पर शुद्ध गाय का घी डालकर खाएं। जौ की खिचड़ी पौष्टिक और पचने में आसान होती है।
2. जौ का आटा
जौ के आटे को गेहूं के आटे के साथ मिलाकर रोटी बनाएं, ध्यान रखें कि इसका चोकर अलग न करें। जौ के आटे से बनी रोटियों को नियमित रूप से अपने भोजन में शामिल करें। यह रोटी पचने में हल्की और पौष्टिक होती है, इसके साथ ही इसमें फाइबर अच्छा होता है तो वजन कंट्रोल में भी सहायक होती है।
3. जौ का पानी
एक कप जौ को रात भर पानी में भिगो दें और फिर अगले दिन, इस जौ के साथ पानी को उबालें। जब पानी अच्छे से उबलने लगे तो इसे छानकर जौ को अलग करें और पानी में नींबू का रस और थोड़ा शहद मिलाकर पिएं। जौ का पानी शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है, पाचन तंत्र को सुधारता है और वजन घटाने में सहायक होता है।
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