गुलाबराय इंटर कॉलेज के टीचर ने संडे की सुबह किला क्रासिंग पर सुसाइड करने का प्रयास किया। इस दौरान लोगों ने बचाकर जिला अस्पातल में भर्ती करा दिया। उपचार के दौरान टीचर की शाम को मौत हो गई। घटना की जानकारी पर पहुंची आरपीएफ ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू की। इस पर परिजन आरपीएफ से भिड़ गए। वह बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को ले गए।
हुए थे चोटिल
प्रेमनगर थाना क्षेत्र के बानखाना के रहने वाले 58 वर्षीय अशोक वशिष्ठ गुलाबराय इंटर कॉलेज में टीचर थे। अशोक वशिष्ठ संडे की सुबह किला क्रॉसिंग पर सुसाइड के लिए पहुंच गए। इस दौरान लोगों ने उन्हें ट्रेन के आगे खड़ा देखकर किसी तरह से उनकी जान बचाई। बचाने के दौरान टीचर चोटिल हो गए थे। लोगों ने घटना की जानकारी आरपीएफ सिटी स्टेशन को लेकर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां देर शाम उपचार के दौरान टीचर की मौत हो गई।
पोस्टमार्टम न कराने पर अड़े रसूखदार
किला क्रासिंग पर सुसाइड की कोशिश के दौरान टीचर चोटिल हो गए थे। उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पातल में भर्ती कराया गया था। यहां उनकी शाम को मौत हो गई। इस बीच उनके परिवार से उन्हें कोई भी निजी अस्पताल नहीं ले गया। न ही किसी ने इस तरह का कोई प्रयास किया। आरपीएफ एसआई मनोज पांडे ने बताया कि टीचर की मौत के बाद जब टीचर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई की तो परिवार के कई रसूखदार एक्टिव हो गए। जो कई अच्छी पोस्ट पर हैं। उन्होंने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया।
पत्नी ने बताया खुद को बीमार
घटना की जानकारी होने पर आरपीएफ ने मामले की जांच शुरू की। इस दौरान आरपीएफ ने उनकी पत्नी रेखा वशिष्ठ से बातचीत की तो उन्होंने खुद को बीमार बताकर अस्पताल आने से इंकार कर दिया था। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके पति को बीमार बता कर दिल्ली से उपचार होने की बात कहीं थी। लेकिन जब टीचर पति की मौत पर आरपीएफ कार्रवाई पर अड़ी तो पत्नी अस्पातल तत्काल पहुंच गईं।
शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने की कार्रवाई की जा रही थी। लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। उन्हें काफी समझाया गया। लेकिन वह नहीं माने और शव लेकर चले गए।
मनोज पांडे, एसआई सिटी स्टेशन