मुंबई1 घंटे पहले
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बजाज हाउसिंग फाइनेंस के IPO का आज यानी 11 सितंबर को आखिरी दिन रहा। ये IPO 9 सितंबर को ओपन हुआ था। तीसरे और आखिरी दिन ये IPO टोटल 67.43 गुना सब्सक्राइब हुआ।
वहीं रिटेल कैटेगरी में IPO टोटल 7.41 गुना भरा है। कंपनी का IPO दूसरे दिन 8.08 गुना और पहले दिन टोटल 2.26 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसका प्राइस बैंड 66-70 रुपए प्रति शेयर है।
IPO के जरिए बजाज हाउसिंग फाइनेंस 6,560 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। IPO में 3,560 करोड़ रुपए के नए शेयर जारी हुए, जबकि 3,000 करोड़ रुपए का ऑफर-फॉर-सेल शामिल है।
मिनिमम 14,980 रुपए का निवेश
इश्यू के प्राइस बैंड के हिसाब से रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट यानी 214 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आपने IPO के अपर प्राइस बैंड ₹70 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाई किया है, तो इसके लिए ₹14,980 इन्वेस्ट किए होंगे।
ग्रे मार्केट में प्रीमियम 107.14%
लिस्टिंग से पहले कंपनी का शेयर ग्रे मार्केट में 107.14% यानी ₹75 प्रति शेयर के प्रीमियम (GMP) पर पहुंच गया है। ऐसे में अपर प्राइस बैंड ₹70 के हिसाब से इसकी लिस्टिंग ₹145 पर हो सकती है।
यानी निवेशकों को ग्रे मार्केट प्रीमियम के हिसाब से 107.14% रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, ग्रे मार्केट प्रीमियम से केवल अनुमान लगाया जा सकता है, शेयर की लिस्टिंग की प्राइस ग्रे मार्केट की प्राइस से अलग होती है।
कर्ज देने की क्षमता बढ़ाने में होगा फंड का उपयोग
कंपनी IPO से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल अपने कैपिटल बेस को बढ़ाने में करेगी, ताकि भविष्य की बिजनेस जरूरतों के लिए फंड की व्यवस्था की जा सके। मतलब कर्ज देने की क्षमता बढ़ाई जा सके।
कंपनी के फाइनेंशियल्स
- Q4 में बजाज हाउसिंग फाइनेंस का शुद्ध मुनाफा 381 करोड़ रुपए रहा। ये सालाना आधार पर 26% की ग्रोथ है।
- वहीं कंपनी की नेट इंटरेस्ट इनकम में 11% (YoY) का इजाफा हुआ और ये 629 करोड़ रुपए रही थी।
- कंपनी के AUM में सालाना आधार पर 32% का इजाफा हुआ है और AUM बढ़कर 91,370 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
- वहीं Q4 में नेट टोटल इनकम भी 14% (YoY) बढ़कर 717 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
- कंपनी के कर्ज बांटने में सालाना आधार पर 26% का इजाफा दर्ज किया गया।
IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।