हर साल बैसाखी पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस खास दिन पर सिख धर्म के लोग परिवार, दोस्तों, प्रियजनों के साथ इकट्ठा होते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Mon, 01 Apr 2024 02:58 PM (IST)
Updated Date: Mon, 01 Apr 2024 02:58 PM (IST)
HighLights
- सिखों के लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
- हर साल बैसाखी पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
- इस दिन सिख, गुरुद्वारों में कीर्तन आदि करने जाते हैं।
धर्म डेस्क, इंदौर। Baisakhi 2024: सभी धर्मों की अलग-अलग मान्यताएं और त्योहार होते हैं। जल्द ही सिख समुदाय का नया साल जिसे लोग बैसाखी के नाम से जानते हैं, शुरू होने वाला है। इस साल यह 13 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा। सिखों के लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। हर साल बैसाखी पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस खास दिन पर सिख धर्म के लोग परिवार, दोस्तों के साथ इकट्ठा होते हैं और विशेष बैसाखी व्यंजनों का आनंद लेते हैं।
बैसाखी का महत्व
लोग इस दिन को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन सिख, गुरुद्वारों में कीर्तन आदि करने जाते हैं। साथ ही कई जगहों पर जुलूस भी निकाले जाते हैं। बैसाखी पर गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है और मत्था टेकने के बाद प्रियजनों को कड़ा प्रसाद दिया जाता है।
इस तरह मनाया जाता है बैसाखी पर्व
- सिखों और हिंदुओं द्वारा भारत के अन्य हिस्सों में भी बैसाखी बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है।
- बैसाखी के दिन की शुरुआत सिख गुरुद्वारों में भजन और प्रार्थना से होती है।
- इस खास दिन पर नए कपड़े पहने जाते हैं और गुरुद्वारे में मत्था टेका जाता है।
- इस उत्सव को सड़कों पर जुलूसों, गीतों और नृत्यों द्वारा भी चिह्नित किया गया है।
- इस दिन अपना उत्साह व्यक्त करने के लिए पुरुष भांगड़ा करते हैं और महिलाएं पंजाब का पारंपरिक लोक नृत्य गिद्दा करती हैं।
- इसके साथ ही लोग घरों में सरसों का साग और मक्के की रोटी समेत अन्य पंजाबी व्यंजन बनाते हैं।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’