मेटाबोलिक सिंड्रोम कई तरह के रोगों के जोखिम को बढ़ा देता है। इसके कारण मोटापा, डायबिटीज, हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ सकता है। हाल में की गई स्टडी बताती है कि अटलांटिक देशों में प्रचलित अटलांटिक डाइट मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम को कम कर सकते हैं।
मेटाबोलिक सिंड्रोम कई तरह के रोगों के जोखिम को बढ़ा देता है। मोटापा, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, ये सभी रोग मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण ही होते हैं। इन रोगों को खत्म करने में या उनसे बचाव में आहार भूमिका होती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इन दिनों स्वस्थ रहने के लिए दुनिया भर में अटलांटिक आहार का प्रचलन तेजी है। अटलांटिक आहार स्वास्थ्य लाभ से जुड़ा है, खासकर मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह अधिक उपयोगी (Atlantic Diet) है।
क्या है अटलांटिक आहार (What is Atlantic Diet)
हार्वर्ड हेल्थ में प्रकाशित शोध बताते हैं, यह आहार (atlantic diet) खाने का एक तरीका है। यह अटलांटिक तट के किनारे रहने वाले लोगों खासकर उत्तर पश्चिमी स्पेन और उत्तरी पुर्तगाल जैसे देशों में पारंपरिक खाने के पैटर्न पर आधारित है। अटलांटिक आहार में मुख्य रूप से मौसमी, स्थानीय रूप से प्राप्त, ताजा और न्यूनतम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं। जो लोग लंबे समय से इस आहार का पालन कर रहे हैं, उनमें मेटाबोलिक सिंड्रोम विकसित होने का जोखिम कम हो सकता है। मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल सहित ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के खतरे को यह कम करता है। ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से हृदय रोग और मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम की घटती है संभावना (Metabolic Syndrome)
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ फ़ूड स्टडीज में भी प्रकाशित शोध निष्कर्ष के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 250 परिवारों को इस शोध में शामिल किया, जिनमें 574 वयस्क (231 पुरुष और 343 महिलाएं) शामिल थे। प्रतिभागियों की औसत आयु लगभग 47 वर्ष थी।
अध्ययन में पाया गया कि एक नियंत्रण समूह की तुलना में, जो लोग अटलांटिक आहार (atlantic diet) का पालन करते थे, उनमें मेटाबोलिक सिंड्रोम के एक अतिरिक्त घटक को प्रदर्शित करने की संभावना लगभग 42 प्रतिशत कम देखी गई।
मछली, दूध, आलू, ब्रेड शामिल होते हैं
अटलांटिक आहार में मछली, दूध, आलू, ब्रेड, रेड मीट शामिल होता है, जबकि मेडिटेरनियन डाइट में अधिक पास्ता, बीन्स और बीज शामिल होते हैं।
इंटरवेंशन ग्रुप ने अटलांटिक आहार का पालन किया और नियंत्रण समूह ने अपने सामान्य जीवन शैली पैटर्न का पालन किया। इंटरवेंशन समूह को अटलांटिक आहार का पालन करने में मदद करने के लिए पोषण शिक्षा दी गई। खाना पकाने की कक्षा और नियमित फ़ूड दिए गए।
कौन से खाद्य पदार्थ हैं शामिल (Foods of Atlantic Diet)
ताज़ी मछली, मौसमी सब्जियां, साबुत अनाज और कभी-कभार थोड़ी-सी शराब की खपत पर जोर देता है। यह आहार मेडिटेरनियन यानी भूमध्यसागरीय आहार के समान है। हालांकि यह अधिक रेड मीट, डेयरी और आलू की भी अनुमति देता है। इन तीनों खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है। हालांकि दोनों आहार पैटर्न दैनिक शारीरिक गतिविधि, ध्यानपूर्वक भोजन करने और सामाजिक मेलजोल पर भी जोर देते हैं।
सी फ़ूड और लो फैट मीट को किया जाता है शामिल (Seafood and low fat meat of Atlantic Diet)
हार्वर्ड के शोधकर्ता ने अध्ययन के निष्कर्ष में बताया कि इस आहार (atlantic diet) का पालन करने वालों में पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम काफी कम था। आहार ताजे फल, सब्जियां, मछली या अन्य सी फ़ूड खाने और ऑलिव आयल के उपयोग के साथ-साथ मध्यम मात्रा में वाइन के महत्व पर भी जोर देता है। अटलांटिक आहार समुद्री भोजन और कम वसा वाले मांस, विभिन्न प्रकार की मौसमी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, बीन्स और ऑलिव ऑयल एक सप्ताह में तीन से चार सर्विंग की सिफारिश करता है।
अटलांटिक आहार और मेडिटेरनियन डाइट के बीच अंतर (Difference between Atlantic Diet and Mediterranean Diet)
अटलांटिक आहार को मेडिटेरनियन डाइट का कजिन बताया जा रहा है। अटलांटिक आहार और मेडिटेरनियन डाइट के बीच एक मुख्य अंतर यह है कि अटलांटिक डाइट में अधिक ब्रैसिका शामिल है। यह सब्जियों का एक परिवार है, जिसमें शलजम साग, शलजम, केल, गोभी और फूलगोभी शामिल हैं। एक और महत्वपूर्ण अंतर कार्ब्स में पाया जा सकता है। भूमध्यसागरीय आहार या मेडिटेरनियन डाइट आम तौर पर अधिक पास्ता की अनुमति देता है। अटलांटिक आहार (atlantic diet) में शामिल होने वाले स्टार्च हैं- चेस्टनट, आलू और ब्रेड।
यह भी पढ़ें :- Diabetes Diet : ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल कर सकती है डायबिटीज डाइट, जानिए इसके बारे में सब कुछ