Ashneer withdraws petition filed against Bharat Pe | अशनीर ने भारत पे के खिलाफ दायर याचिका वापस ली: MD के रूप में बहाली की मांग की थी, 2022 से चल रहा था विवाद


मुंबई4 मिनट पहले

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भारतपे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से अपनी याचिका वापस ले ली है। इसमें उन्होंने फिनटेक फर्म के बोर्ड पर दमनकारी आचरण और कुप्रबंधन का आरोप लगाया था।

अशनीर ग्रोवर ने कंपनी के साथ 30 सितंबर 2024 को समझौता करने के बाद NCLT की दिल्ली बेंच से याचिका वापस ली है। ग्रोवर की ओर से पेश वकील ने NCLT के समक्ष सेटलमेंट एग्रीमेंट की एक कॉपी भी रखी थी।

इसके अलावा, 17 अक्टूबर को ग्रोवर ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLT) से भी अपनी याचिका वापस ले ली है, जहां उन्होंने NCLT में मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी।

अशनीर ग्रोवर NCLT से 3 बड़ी मांग की थी

  • ग्रोवर ने कंपनी के MD के रूप में अपनी बहाली और कंपनी के बोर्ड में बदलाव की मांग की थी।
  • कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से कंपनी के निरीक्षण और ऑडिट का आदेश देने की मांग भी की थी।
  • भारतपे के बोर्ड से उनकी पत्नी माधुरी जैन की बर्खास्तगी को रद्द करने का भी अनुरोध किया था।

अशनीर ग्रोवर कंपनी की शेयरहोल्डिंग का हिस्सा नहीं होंगे

सेटलमेंट के अनुसार, अशनीर ग्रोवर न तो किसी भी क्षमता में कंपनी से जुड़े रहेंगे और न ही इसकी शेयरहोल्डिंग का हिस्सा होंगे।

मार्च 2022 में कंपनी के बोर्ड ने ग्रोवर को भारतपे के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से हटा दिया था। तब से, दोनों पक्ष कानूनी विवादों में उलझे हुए हैं।

समझौते के बाद, ग्रोवर के कुछ शेयर कंपनी के लाभ के लिए रेजिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे और उनके बचे हुए शेयरों का प्रबंधन उनका फैमिली ट्रस्ट करेगा।

साल 2022 से विवादों में हैं को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर

भारत पे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर साल 2022 से विवादों में हैं। इसके पीछे की मुख्य वजह अशनीर का वायरल हुआ एक ऑडियो था। इसमें वे कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी से अपमानजनक भाषा बोलते सुनाई दे रहे थे। इसके अलावा कंपनी के नियमों के खिलाफ बिहेवियर होने का भी उन पर आरोप लगा था।

अशनीर और उनकी पत्नी के खिलाफ शिकायत मिलने पर कंपनी ने जांच बिठाने का फैसला किया। इस जांच में उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को पैसों के हेरफेर में शामिल पाया गया। उनपर आरोप लगे थे कि उन्होंने पर्सनल ब्यूटी ट्रीटमेंट, इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स खरीदने और अमेरिका व दुबई की फैमिली वेकेशन के लिए कंपनी के पैसों का इस्तेमाल किया था।

निजी स्टाफ को पेमेंट भी कंपनी अकाउंट से किया और परिचित लोगों से फर्जी रसीदें बनवाकर पेश कीं। इसके बाद उन्हें कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया था। फिर अपनी ही कंपनी के फैसलों के खिलाफ ग्रोवर ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIC) में अपील की थी। यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद मार्च 2022 में अशनीर को भारत पे कंपनी को छोड़ना पड़ा था।

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