तेलंगाना में खोजे गए पुरातात्विक स्थल
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में प्रोफेसर के.पी. राव के नेतृत्व में पुरातत्त्वविदों की एक टीम द्वारा तेलंगाना में तीन नए पुरातात्त्विक स्थलों की खोज की गई।
- एक अद्वितीय लौह युग का महापाषाण स्थल जिसमें 200 से अधिक स्मारक हैं, इसमें एक नए प्रकार का महापाषाण स्मारक है जिसे ‘डोल्मेनॉइड सिस्ट्स’ के नाम से जाना जाता है, भारत में अन्यत्र नहीं पाया जाता है।
- यह तेलंगाना के बंडाला गाँव के पास ओरागुट्टा नामक स्थान पर पाया गया था।
- इन “डोल्मेनॉइड सिस्ट्स” में कैपस्टोन होते हैं जो सामान्य वर्गाकार या आयताकार रूपों के विपरीत स्मारक के आकार को निर्धारित करते हैं।
- अनुमान है कि ये स्मारक लगभग 1,000 ईसा पूर्व के हैं।
- यह सुझाव दिया गया कि ये भारत में देखे जाने वाले अधिक सामान्य वर्ग/आयताकार मेगालिथ का एक पुराना रूप हो सकता है और यूरोपीय पैसेज चैंबर्स के समान हो सकता है।
- टीम ने दमराटोगु गाँव में दो नए रॉक कला स्थलों की भी खोज की।
- इसमें “देवरलबंद मुला” साइट शामिल है, जिसमें मनुष्यों या हथियारों/घरेलू जानवरों के बिना जानवरों का चित्रण मिलता है।
- इससे पता चलता है कि ये चित्रकलाएँ मध्यपाषाण युग (8000-3000 ईसा पूर्व) की हो सकती हैं।
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