एंटी-सबमरीन शिप अभय
स्रोत: पी.आई.बी
हाल ही में, 7वें एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW SWC), अभय को लॉन्च किया गया।
- अभय की 80% से अधिक सामग्री स्वदेशी है, जो रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
- रक्षा मंत्रालय (MoD) ने आठ ASW SWC जहाजों के निर्माण के लिये गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये।
- इसकी क्षमताओं में सर्च अटैक यूनिट (SAU) और विमान के साथ समन्वित ASW संचालन, तटीय जल में उप-सतह लक्ष्यों का अवरोधन/विनाश शामिल हैं।
- इसे अल्प तीव्रता समुद्री संचालन (LIMO) और माइन लेइंग ऑपरेशन में तैनात किया जा सकता है।
- इसमें कम आवृत्ति वाला परिवर्तनीय गहराई वाला सोनार, पतवार पर लगा सोनार और व्यययोग्य बाथिथर्मोग्राफ लगा है।
- बाथिथर्मोग्राफ गहराई में परिवर्तन के साथ जल के तापमान में परिवर्तन का पता लगाते हैं।
- ये जहाज़ जल जेट से चलते हैं और हल्के टॉरपीडो जैसे पनडुब्बी रोधी हथियारों से लैस होते हैं।
- वे अर्नाला श्रेणी का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य सेवा में मौजूद अभय श्रेणी के ASW कॉर्वेट को प्रतिस्थापित करना है।
और पढ़ें: एंटी-सबमरीन वारफेयर का लॉन्च
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