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Anorexia: क्या वजन बढ़ने के डर से आप भी नहीं खा रहे हैं खाना? जानें एनोरेक्सिया के लक्षण और इलाज | symptoms of anorexia treatment in hindi

bareillyonline.com by bareillyonline.com
16 March 2024
in न्यूज़
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लाइफस्टाइल में बदलाव की लोगों की समस्या का कारण बन रहा है। शहीर माहौल में लोगों की शारीरिक गतिविधियों में कमी आई है ऐसे में लोगों का मोटापा बढ़ा है। वहीं, कुछ लोग अपने वजन को कम करने के लिए शारीरिक जरूरत से कम खाना शुरु कर देते हैं। साथ ही, कई अन्य तरह के उपायों को अपनाकर वजन कम करने का प्रयास करते हैं। शरीर से कैलोरी को करने के लिए कुछ लोग एनीमा, सप्लीमेंट्स व दस्त आदि का सहारा लेते हैं। डॉक्टर इसे इटिंग डिसऑर्डर यानी एनोरेक्सिया कहते हैं। मेडिकवर अस्पताल के न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिक विभाग की एचओडी व डॉक्टर राजेश्वरी पांड़ा से जानते हैं कि एनोरेक्सिया क्या होता है? साथ ही, एनोरेक्सिया के लक्षण और इलाज के बारे में भी विस्तार से जानते हैं। 

एनोरेक्सिया में क्या लक्षण होते हैं? – Symptoms Of Anorexia In Hindi 

वजन कम होना 

एनोरेक्सिया, आमतौर पर वजन कम करने के प्रयासों से शुरू होता है। इसमें व्यक्ति का वजन थोड़े समय में तेजी से कम होता है। एनोरेक्सिया में व्यक्ति खाना खाने में बचना शुरु कर देता है। 

anorexia symptoms in hidni

डाइटिंग के बारे में ही सोचना 

एनोरेक्सिया में व्यक्ति केवल वजन कम करने के बारे में ही विचार करता है। साथ ही, वह इसके लिए डाइटिंग और डाइट प्लान बनाते रहता है। व्यक्ति कई तरह की चीजों को डाइट से हटाते हैं और कम कैलोरी वाली कई चीजों को डाइट का हिस्सा बनाते हैं। 

सामाजिक अलगाव 

एनोरेक्सिया सामाजिक अलगाव का कारण बन सकता है। एनोरेक्सिया में व्यक्ति सामाजिक समारोह में खाने की वजह से जाने से बचने लगते हैं। साथ ही, वह हर समय अपने वजन को लेकर चिंतित रहते हैं। इस तरह वह धीरे-धीरे परिवार और दोस्तों से कटने लगते हैं। 

एनोरेक्सिया का इलाज क्या है? – Treatment Of Anorexia In Hindi 

एनोरेक्सिया का इलाज मुश्किल हो सकता है क्योंकि ऐसे में व्यक्ति खुद को बीमार नहीं समझते हैं। एनोरेक्सिया एक तरह का इटिंग डिसऑर्डर है, ऐसे में डॉक्टर फिजियोथेरेपी और दवाओं से इलाज कर सकते हैं।

  • दवा: इसमें डॉक्टर व्यक्ति की समस्या को समझने के बाद उन्हें अवसादरोधी दवाएं दे सकते हैं। यह इटिंग डिसऑर्डर से जुड़ी चिंता और अवसाद को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
  • फिजियोथेरेपी: इसमें इटिंग हेबिट में आए बदलाव को रोकने के लिए व्यावहारिक तकनीक को शामिल किया हैं। इससे व्यक्ति की आदत और सोच को बदलने में मदद मिलती है। 
  • न्यूट्रिशन काउंसिलिंग: न्यूट्रिशन काउंसिलिंग से व्यक्ति को हेल्दी भोजन को खाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह जीवन में खाने के महत्वव को भी बताता है। 

इसे भी पढ़ें : गर्मी में नींबू खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 बेहतरीन फायदे

इटिंग डिसऑर्डर से बचने के लिए आप लोगों के साथ मिलें। साथ ही, अपने वजन और खाने के बारे में न सोचें। इससे बचने के लिए आप अपने पसंदीदा चीजों में समय व्यतीत करें। 

 

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