वैकल्पिक मतदान विधियाँ
स्रोत: इंडियन एक्स्प्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मतदाता भारत में 18वीं लोकसभा के सदस्यों को चुनने के लिये विश्व के सबसे बड़े आम
- चुनाव (आम चुनाव) में मतदान कर रहे हैं, जो सात चरणों में संपन्न होगा।
नागरिकों के लिये मतदान की वैकल्पिक विधियाँ क्या हैं?
- RPA के अंतर्गत मतदान प्रक्रिया:
- डाक मतपत्र: डाक मतपत्र उन मतदाताओं को दूर से मतदान करने की अनुमति देता है जो मतदान केंद्रों पर उपस्थित नहीं हो सकते हैं, जैसा कि RPA की धारा 60 में निर्दिष्ट है।
- यह पद्धति सामान्य मतदान से तीन प्रकार से भिन्न है:
- मतदान, मतदान केंद्र के बाहर होता है,
- यह EVMs द्वारा नहीं होता है।
- निर्वाचन क्षेत्र में निर्धारित मतदान तिथि से पूर्व ही मतदान संपन्न होता है।
- पात्रता: चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम-18 के अनुसार, निम्नलिखित वर्गों के व्यक्ति डाक मतपत्र द्वारा मतदान के लिये पात्र हैं:
- विशेष मतदाता: RPA की धारा 20(4) के अंर्तगत घोषित पद धारण करने वाले व्यक्ति, जिनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, कैबिनेट मंत्री, अन्य उच्च पदस्थ गणमान्य व्यक्ति, आदि और उनके पति या पत्नी शामिल हैं।
- सेवा मतदाता: भारतीय सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों के सदस्य, अपने राज्य के बाहर सेवारत एक सशस्त्र राज्य पुलिस सदस्य या विदेश में तैनात एक सरकारी कर्मचारी और उनके साथ रहने वाले उनके पति या पत्नी।
- चुनाव ड्यूटी पर मतदाता: चुनाव ड्यूटी में शामिल आयोग के अधिकारियों से लेकर निजी कर्मियों तक सभी व्यक्ति शामिल हैं।
- RPA 1951 की धारा 60 (c) के अंर्तगत अनुपस्थित मतदाता: वर्ष 2019 में चुनाव आयोग ने “अनुपस्थित मतदाताओं” की श्रेणी बनाई, जिसमें 85 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, कम से कम 40% विकलांगता वाले दिव्यांग व्यक्ति शामिल हैं और ऐसे व्यक्ति जो रेलमार्ग, दूरसंचार, बिजली, स्वास्थ्य, यातायात, विमानन, अग्निशमन सेवाओं एवं अधिकृत मीडिया संगठनों जैसी आवश्यक सेवाओं के कर्मचारी हैं तथा ऐसे व्यक्ति भी जो कोविड-19 से प्रभावित हैं, को शामिल किया गया है।
- निवारक निरोध के तहत: निर्वाचकों को निवारक निरोध के अधीन किया गया।
- आवेदन की प्रक्रिया: डाक मतदान के लिये योग्य व्यक्तियों को एक निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर औपचारिक रूप से आवेदन करना होगा, जबकि सेवा मतदाताओं और निवारक हिरासत के तहत आने वाले लोगों को स्वचालित रूप से डाक मतपत्र प्राप्त होते हैं तथा एक बार जारी होने के बाद वे व्यक्तिगत रूप से मतदान नहीं कर सकते हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रसारित डाक मतपत्र प्रणाली (Electronically Transmitted Postal Ballot System- ETPBS): वर्ष 2016 में नियम 23 में एक संशोधन ने सेवा मतदाताओं के लिये इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBS) की शुरुआत की, जिससे एन्क्रिप्टेड इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन के माध्यम से डाक मतपत्रों की तेज़ी से डिलीवरी और पोस्ट के माध्यम से मुफ्त रिटर्न की सुविधा मिल सके।
- प्रक्रिया:
- 2022 में पेश किया गया नियम 18A, चुनाव ड्यूटी पर मतदाताओं को डाक मतपत्रों का उपयोग करके निर्दिष्ट सुविधा केंद्रों पर मतदान करने का आदेश देता है।
- इसी प्रकार, आवश्यक सेवा (AVES) श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा मतदान की सुविधा के लिये डाक मतदान केंद्र (Postal Voting Centre- PVC) के लिये एक उपयुक्त स्थान और कमरे निर्धारित किये जाते है।
- यह पद्धति सामान्य मतदान से तीन प्रकार से भिन्न है:
- होम वोटिंग:
- मानदंड: देशभर में 81 लाख 85+ वृद्ध मतदाता और 90 लाख से अधिक दिव्यांग मतदाता मतदाता सूची में पंजीकृत हैं।
- प्रक्रिया: वरिष्ठ नागरिकों और 85 वर्ष से अधिक उम्र के दिव्यांगों तथा कोविड-19 संदिग्ध/सकारात्मक श्रेणी के अनुपस्थित मतदाताओं के लिये, बूथ स्तर के अधिकारी (Booth Level Officers- BLO) फॉर्म 12D देते हैं तथा अनिवार्य रूप से उनसे पावती प्राप्त करते हैं।
- विविध:
- एक पृथक मतदान केंद्र में मतदान: जब एक चुनावी कार्यकर्त्ता को उनके पंजीकृत निर्वाचन क्षेत्र में नियुक्त किया जाता है, तो उन्हें एक चुनाव कर्त्तव्य प्रमाण पत्र प्राप्त होता है जो उन्हें उनके निर्धारित मतदान केंद्र पर मतदान करने की अनुमति देता है; अन्यथा वे डाक मतपत्र के लिये पात्र होते हैं।
- प्रॉक्सी वोटिंग: सशस्त्र और अर्धसैनिक सेवा के सदस्य प्रॉक्सी या डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान कर सकते हैं; प्रॉक्सी का विकल्प चुनने वालों को ‘वर्गीकृत सेवा मतदाता’ कहा जाता है।
- सहायता प्राप्त मतदान: मतदाता विकलांगता से सबंधित मामलों में पीठासीन अधिकारी 18 वर्ष से अधिक उम्र के साथी की दाहिनी तर्जनी पर अमिट स्याही लगाकर उन्हें अपनी ओर से मतदान करने की अनुमति दे सकता है।
मतदान प्रक्रिया से अयोग्यता:
- जिन व्यक्तियों को भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code- IPC) की धारा 171E (जो रिश्वतखोरी से संबंधित है) और धारा 171F (जो चुनाव में प्रतिरूपण या अनुचित प्रभाव से संबंधित है) के तहत किये गए अपराधों के लिये दोषी ठहराया जाता है, उन्हें चुनाव में भाग लेने से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 (जो विभिन्न चुनावी अपराधों से संबंधित है), धारा 135 और धारा 136 के तहत अपराधों के लिये दोषी ठहराए जाने वालों को चुनाव से अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
- यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान करता है, तो उसका मत (vote) अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल 1 और 2
उत्तर: (d)
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
उत्तर: (d)
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