- Hindi News
- Business
- Airtel HUL Market Cap Update; Reliance HDFC SBI ICICI Bank Market Capitalization 2024
मुंबई3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 8 की वैल्यू बीते हफ्ते के कारोबार में कंबाइंड रूप से 1,53,019.32 करोड़ रुपए बढ़ी है। टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल टॉप गेनर रही। कंपनी का मार्केट कैप 47,195 करोड़ रुपए बढ़कर 9.05 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इससे पहले कंपनी का मार्केट कैप 8.57 लाख करोड़ रुपए था।
एयरटेल के अलावा, इंफोसिस, LIC, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), ICICI बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, HDFC बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेटशन ऑफ इंडिया (LIC) की वैल्यूएशन में भी पिछले हफ्ते के कारोबार के दौरान बढ़ोतरी देखने को मिली। वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर और ITC का मार्केट कैप इस दौरान 13,188 करोड़ रुपए कम हुआ है।
पिछले हफ्ते 1,279 अंक चढ़ा सेंसेक्स
शुक्रवार (30 अगस्त) के कारोबार में निफ्टी ने 25,268 के रिकार्ड स्तर को छुआ। हालांकि, बाद में ये थोड़ा नीचे आया और 83 अंक की तेजी के साथ 25,235 के स्तर पर बंद हुआ। सेसेंक्स ने भी आज 82,637 का रिकार्ड स्तर छुआ, ये 231 अंक की तेजी के साथ 82,365 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले हफ्ते के कारोबार में सेंसेक्स में 1,279 अंक की बढ़ोतरी रही।
निफ्टी ने बनाया रिकॉर्ड- लगातार 12 दिन तेजी के साथ बंद हुआ
1996 में लॉन्च हुए निफ्टी इंडेक्स ने लगातार 12 दिन चढ़कर बंद होने का रिकार्ड बनाया। इससे पहले 2007 में निफ्टी में लगातार 11 दिन की तेजी दिखी थी। वहीं, जनवरी 2015 और अप्रैल 2014 में लगातार 10 दिन की तेजी आई थी।
मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।
मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।
मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)
मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।
कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।