कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभाला कृषि मंत्रालय का कार्यभार
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है। जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया गया है। रविवार 9 जून को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति भवन से भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। 10 जून की शाम को मोदी कैबिनेट की पहली बैठक में मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। इनमें मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे।
कार्यभार संभालने के बाद, मंत्री ने मंत्रालय के विभिन्न कार्यालयों का दौरा किया। उन्होंने उन्हें टीम के रूप में काम करने तथा किसानों और ग्रामीण विकास कल्याण के हित में सरकार की दृष्टि को प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया। साथ ही कृषि परिदृश्य की समीक्षा करने के लिए फसलों के उत्पादन और सूखे की तैयारी की सुविधाओं का अवलोकन किया।
क्या कहा कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने:
मीडिया से बातचीत में श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्हें यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया पहला निर्णय किसानों के हित में था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया है और सरकार किसानों के कल्याण और विकास के लिए हर संभव उचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि किसान, अन्नदाता का जीवन सुधारना मंत्रालय का मिशन होना चाहिए। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि एनडीए सरकार पिछले दस वर्षों से किसानों के कल्याण के हित मे काम कर रही है और कृषि मंत्रालय इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करता रहेगा।
कृषि में क्या बदलाव हुआ:
शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान राज्य गेहूं की पैदावार में बढ़ोत्तरी हुई और गेहूं उत्पादन में मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर आ गया है। सरकारी एजेंसियों में भी उपज पहुंचने लगी। कई दूसरे अनाज और सब्जियां, जैसे सोयाबीन, चना, टमाटर, लहसुन, अदरक, धनिया और मेथी का ये लीड उत्पादक है। शिवराज के मुख्यमंत्री रहते एमपी को कृषि उत्पादन और योजना संचालन के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन के लिए कई बार कृषि कर्मण अवॉर्ड भी दिया गया है।
किसानों को हुआ फायदा: मध्यप्रदेश के किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए हर साल 6 हजार रुपए की राशि मिल रही है। वहीं कृषि ऋण पर किसानों को ब्याज नहीं देना पड़ता है। 13 लाख किसानों के पास ट्यूबवेल और बिजली कनेक्शन थे, जो अगले दस सालों में बढ़कर करीब 32 लाख पार कर गए। गेहूं खरीद पर एमएसपी के अतिरिक्त बोनस भी दिए गए, साथ ही खरीफ फसलों दलहन- तिलहन, मोटे अनाजों पर भी एमएसपी बढ़ाई जायेगी, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होगा।
जानिए, क्या है चुनौती: कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के बाद शिवराज सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती खेती मे बडे स्तर पर किसानों को हर तरह से खेती करने के लिये सक्षम बनाना और खेती में नए नवाचार कर युवाओं को खेती करने के लिए प्रेरित करना भी बहुत जरूरी है। सरकार में उनके व्यापक अनुभव तथा ग्रामीण आबादी के साथ गहरे जुड़ाव के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में चौहान की नियुक्ति से कृषि क्षेत्र और कृषक समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में सरकार के प्रयासों को नई गति मिलने की उम्मीद है।