अक्सर 40 की उम्र के बाद महिलाओं को हार्मोन असंतुलन का सामना करना पड़ता है। इसके लिए उचित खानपान आवश्यक है। जानते हैं उन फूड्स के बारे में जो हाॅर्मोन्स को नेचुरली बैलेंस करने में मददगार साबित हो सकते हैं
शरीर में पाचन से लेकर स्लीप पैटर्न तक सभी कुछ हार्मोन पर निर्भर करता है। मगर शरीर में अचानक बढ़ने वाली चिंता, तनाव, मूड स्विंग, लिबिडो की कमी और लो एपिटाइट हार्मोन असंतुलन को दर्शाता है। गलत खानपान, अनियमित लाइफस्टाइल और मेनोपॉज इस समस्या का मुख्य कारण साबित होता है। अक्सर 40 की उम्र के बाद महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके लिए लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाने के साथ उचित खानपान भी आवश्यक है। जानते हैं उन फूड्स के बारे में जो आपके हाॅर्मोन्स को नेचुरली बैलेंस करने में मददगार साबित हो सकते हैं (Foods to regulate female hormones)।
क्यों जरूरी है हाॅर्मोन्स को बैलेंस करना
हार्मोन शरीर में मौजूद उन केमिकल्स को कहा जाता है, जो एंडोक्राइन सिस्टम रिलीज करता है। ये हार्मोन रक्तप्रवाह के ज़रिए टिशूज और ऑर्गन तक संदेश पहुंचाने का काम करते हैं। इनके ज़रिए शरीर के ऑर्गन जान पाते हैं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं।
यकीनन खाने से पहले व्यक्ति हार्मोन इंबैलेस के बारे में नहीं सोच पाता है। मगर खाद्य पदार्थ कई प्रकार से हार्मोन को अव्यवस्थित करने लगते हैं। दरअसल, शारीरिक प्रक्रियाओं को उचित बनाए रखने के लिए हार्मोन का संतुलित होना आवश्यक है। हार्मोन मेटाबॉलिज्म, हार्ट बीट, स्लीप पैटर्न प्रजनन चक्र, लिबिडो और सामान्य विकास, शारीरिक विकासऔर तनाव समेत शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में सहायता करते हैं। वे लोग जो हार्मोनल असंतुलन का शिकार होते हैं, उन्हें अक्सर जोड़ों में दर्द, थकान, उच्च रक्तचाप और सिरदर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
हार्मोन असंतुलन के लिए इन फूड्स को करें आहार में शामिल
1 हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन
नियमित रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, केल, बाथू और मेथी का सेवन करने से शरीर को आवश्यक मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होता है और एस्ट्रोजन का स्तर नियंत्रित रहता है। इससे महिलाओं में पीएमएस का खतरा कम होता है और ऊर्जा बढ़ने लगती है।
हरी पत्तेदार सब्जियों से शरीर को आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम की प्राप्ति होती हैं। इसके सेवन से महिलाओं के शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन, तनाव और कमज़ोर इम्यून सिस्टम मज़बूत बनने लगता है। इनके सेवन से पाचनतंत्र भी उचित बना रहता है।
2 एवोकाडो
हेल्दी फैट्स और फाइबर से भरपूर एवोकाडो शरीर में एस्ट्रोजन के एब्जॉर्बशरन को कम करके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स के चलते दिनभर में एक चौथाई एवोकाडो का सेवन फायदेमंद साबित होता है।
ये एक प्रीबायोटिक है, जो हेल्दी गट माइक्रोब्योम को बढ़ावा देता है। इसके सेवन से शरीर में कार्टिसोल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा एवोकाडो का सेवन करने से एस्ट्राडियोल और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन को बढ़ावा मिलता है, जिससे हार्मोन रेगुलेशन में मदद मिलती है।
3 बैरीज़
स्वास्थ्य को हेल्दी रखने और हार्मोन को रेगुलेट करने के लिए रसबैरी, ब्लूबैरी और गोजीबैरी का सेवन फायदेमंद साबित होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा प्रोजेस्ट्रॉन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके सेवन से पीरियड साइकिल नियमित हो जाती है और ओवूलेशन फंक्शन भी उचित बना रहता है। इसमें पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स हार्मोनल हेल्थ को बूस्ट करते हैं।
4 दालचीनी
हार्मोन रेगुलेट करने में दालचीनी बेहद मददगार साबित होती है। इसमें कैल्शियम, फाइबर, आयरन और मैगनीशियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसमें मौजूद काम्पोनेंट सिनामाल्डिहाइड नेचुरल केमिकल है, जो हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है। दालचीनी के सेवन से महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को नियंत्रित करके प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने में मदद मिलती है।
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