आमिर खान और रानी मुखर्जी की फिल्म ‘गुलाम’ की रिलीज को आज 26 साल पूरे हो गए हैं। फिल्म को आज भी दमदार कलाकारों के अभिनय के चलते बेहद पसंद किया जाता है। इस फिल्म को आज भी उसकी जबरदस्त कहानी, टाइम लेस म्यूजिक, यादगार डायलॉग, इंटेंस एक्शन सीन्स और उस समय हासिल की गई पॉपुलैरिटी के लिए याद किया जाता है। विक्रम भट्ट द्वारा डायरेक्टेड ‘गुलाम’ महज एक आम बॉलीवुड फिल्म नहीं थी, बल्कि यह एक सिनेमेटिक एक्सपीरियंस थी, जिसका इंपैक्ट आज भी दर्शकों पर है।
अनोखी स्टोरीलाइन
‘गुलाम’ की खास बात है उसकी ओरिजनल कहानी, जिसमें आमिर खान ने सिद्धार्थ मराठे के किरदार को जबरदस्त तरीके से निभाया है। सिद्धार्थ, एक लोअर मिडल क्लास परिवार से तालुक रखने वाला युवा होता है, जो मुंबई के खतरनाक अंडरवर्ल्ड में फंस जाता है। उसका प्यार, अपने आप की खोज और सुधरने की राह पूरी फिल्म में दिखाई गई है, जो एक दिलचस्प कहानी का हिस्सा है, जिसे देखते-देखते दर्शक पूरी तरह से उसमें शामिल हो जाते हैं।
यादगार म्यूजिक
जतिन-ललित का म्यूजिक ‘गुलाम’ की सबसे बेहतरीन विशेषताओं में से एक है। ‘आती क्या खंडाला’ और रोमांटिक ट्रैक ‘आंखों से तूने क्या कह दिया’ जैसे मशहूर गाने तुरंत हिट हो गए, जिससे साउंडट्रैक की सफलता में योगदान मिला। हर गाना न सिर्फ कहानी के साथ अच्छी तरह से फिट बैठता है, बल्कि सीन्स में इमोशंस की गहराई भी जोड़ता है। यही वजह रही कि म्यूजिक फिल्म के आकर्षण का एक अहम हिस्सा बन गया।
दमदार डायलॉग्स
‘गुलाम’ के डायलॉग्स दमदार हैं, जिन्हें आमिर खान और दूसरे टैलेंटेड एक्टर्स ने पूरे विश्वास के साथ स्क्रीन पर पेश किया है। ‘लहरों के साथ तो कोई भी तैर लेता है… पर असली इंसान वो है जो लहरों को चीरकर आगे बढ़ता है’ जैसी पंक्तियां फिल्म खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक गूंजती रहती हैं, जो किरदारों के रिश्तों की कच्ची भावनाओं और जटिलताओं को समेटे हुए हैं। अंजुम राजाबली द्वारा लिखे गए स्क्रीनप्ले में बेहद खूबसूरती से हर तरह के इमोशंस को बैलेंस किया गया है।
एक्शन सीक्वेंस
अपने रोमांचकारी एक्शन सीन्स के लिए मशहूर, ‘गुलाम’ में आमिर खान को एक एक्शन हीरो के रूप में दिखाया गया था, जो कि उनके लिए एक नया अंदाज था। फिल्म के एक्शन सीन्स में सड़क पर होने वाली बड़ी लड़ाई से लेकर रोमांचकारी तरीके से पीछा करने के सीन्स शामिल हैं, जिन्हें अच्छे से कोरियोग्राफ किया गया है और यह कहानी में उत्साह भर देते हैं। ये सीन्स न सिर्फ फिल्म में शहरी जीवन की असलियत को दिखाते हैं बल्कि आमिर की एथलेटिक क्षमताओं को भी पेश करते हैं।
टाइमलेस अपील
अपनी रिलीज के बीस साल से ज़्यादा समय बाद भी ‘गुलाम’ अपनी टाइमलेस अपील के साथ दर्शकों को आकर्षित करती है। सभी उम्र के लोग इससे जुड़ाव महसूस करते हैं। यह फिल्म सामाजिक संघर्षों और मानवीय भावना के लचीलेपन के स्क्रीन पर पेश करने की वजह से एक टाइमलेस क्लासिक बनी हुई है, जो आज भी लोगों द्वारा पसंद की जाती है।
रानी मुखर्जी और आमिर खान की केमिस्ट्री
‘गुलाम’ का एक मजबूत पॉइंट है आमिर खान और रानी मुखर्जी के बीच की खूबसूरत केमिस्ट्री, जहां रानी अलीशा के रोल में सिद्धार्थ की लव इंटरेस्ट बनी हुई हैं। उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री फिल्म के रोमांटिक सबप्लॉट को और भी गहरा और इमोशन्स से भर देती है, जो दर्शकों के साथ जुड़ता है। उनके साथ के सीन्स में गर्मजोशी, खूबसूरत केमिस्ट्री, रिश्ते में मौजूद इमोशनल टच फिल्म का एक बेजोड़ हिस्सा बनकर सामने आता है