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एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत को यदि विधि-विधान से किया जाता है तो राहु दोष का निवारण होता है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Thu, 23 May 2024 11:06:11 AM (IST)
Updated Date: Thu, 23 May 2024 11:06:11 AM (IST)
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HighLights
- किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
- हर माह संकष्टी चतुर्थी व्रत भी रखा जाता है।
- ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 मई को है।
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसके अलावा हर माह संकष्टी चतुर्थी व्रत भी रखा जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 मई को है। यदि इस दिन विधि-विधान के भगवान गणेश की पूजा की जाती है तो शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य मिलता है।
ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा
कुंडली से दूर हो जाता है राहु दोष
एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत को यदि विधि-विधान से किया जाता है तो राहु दोष का निवारण होता है। व्रत के दौरान साधक को पीला चंदन लगाकर 108 बार ‘ओम गण गणपति नमः’ या ‘श्री गणेशाय नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए। वहीं विवाहित महिलाओं को पीले चंदन के स्थान पर सिंदूर लगाकर मंत्र जाप करना चाहिए।
डिसक्लेमर
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