तपती गर्मी के कारण बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मगर इसके साथ- साथ पाचन संबंधी समस्याएं भी बढ़ने लगी हैं। अगर आप भी इससे जूझ रहे हैं, तो घर पर रहकर ही कुछ योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं।
कब्ज की समस्या कई लोगों को बहुत ज्यादा परेशान करती है। इसमें आपको मल त्याग करने में बहुत परेशानी होती है। ऐसा कई कारणों की वजह से होता है। जो लोग खाने में कम फाइबर लेते है या पाचन स्वास्थ्य खराब होने के कारण भी आपको कब्ज की समस्या हो सकती है। कब्ज से बचने के लिए ढेर सारा पानी और फाइबर युक्त भोजन आपकी ममदद कर सकता है। साथ ही व्यायाम भी इसमें आपकी मदद कर सकता है।
व्यायाम करने से आपकी गट की मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम होता है। यह आपके मल को आसानी से गुजरने देता है और दर्द को कम करता है। यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करना शुरू करते हैं, तो आप मल त्याग में बेहतर महसूस करेंगे और कब्ज के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए आप ढेर सारा पानी भी पी सकते हैं।
कब्ज में व्यायाम कैसे मदद करता है?
व्यायाम करने से बड़ी आंत की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे मल को कोलन से गुजरने में लगने वाला समय कम हो जाता है। यह मल से शरीर द्वारा अवशोषित पानी की मात्रा को भी कम कर देता है, जिससे मल त्यागना कठिन और कठिन हो जाता है। यदि आपको अक्सर कब्ज़ महसूस होता है, तो बेहतर मल त्याग के लिए सुबह-सुबह व्यायाम करें। कब्ज को कम करने के लिए आप ये व्यायाम कर सकते है।
कब्ज से राहत पाने के लिए करें ये व्यायाम
1 पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose)
यह मुद्रा गैस छोड़ने और अवरोध के खत्म करने और कोलन को उत्तेजित करने के लिए विशेष रूप से प्रभावी है।
इसे कैसे करना है
अपने पैरों को फैलाकर और हाथों को बगल में रखकर अपनी पीठ के बल लेटें।
गहरी सांस लें, फिर सांस छोड़ते हुए अपने दाहिने घुटने को अपनी छाती की ओर लाएं।
अपने हाथों को अपने घुटने के चारों ओर पकड़ें और इसे अपने पेट में दबाएं।
गहरी सांस लेते हुए 20-30 सेकंड तक रुकें।
छोड़ें और बाएं घुटने से दोहराएं, फिर दोनों घुटनों को एक साथ मिलाएं।
2 अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Half Spinal Twist)
ट्विस्टिंग पोज़ पेट के अंगों पर दबाव बनाता है, रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और पेरिस्टलसिस को उत्तेजित करता है।
इसे कैसे करना है
अपने पैरों को सामने फैलाकर बैठें।
अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और अपने दाहिने पैर को अपनी बाईं जांघ के बाहर रखें।
सांस लें और अपनी रीढ़ को सीधा करें।
सांस छोड़ें और अपने शरीर को दाईं ओर मोड़ें, अपनी बाईं कोहनी को अपने दाहिने घुटने के बाहर रखें और अपने दाहिने हाथ को अपने पीछे फर्श पर रखें।
30 सेकंड से 1 मिनट तक इस मुद्रा में रहें, फिर करवट बदल लें।
3 बालासन (child pose)
यह पोज शरीर को आराम देने और तनाव को कम करने में मदद करती है, जो कब्ज में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। यह पेट को धीरे से दबाता है, पाचन में सहायता करता है।
इसे कैसे करना है
अपने पैर की उंगलियों को छूते हुए और घुटनों को फैलाकर फर्श पर झुकें।
अपनी एड़ियों पर वापस बैठें और अपनी भुजाओं को आगे की ओर फैलाएं, अपने धड़ को अपनी जांघों के बीच नीचे लाएं।
अपने माथे को चटाई पर टिकाएं और 1-3 मिनट तक इसी आसन में रहकर गहरी सांस लें।
4 मालासन (Garland Pose)
यह गहरी स्क्वाट स्थिति कूल्हों को खोलने में मदद करती है और निचले पाचन तंत्र को उत्तेजित करती है, जिससे मल त्याग को बढ़ावा मिलता है।
इसे कैसे करना है
अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से थोड़ा चौड़ा करके खड़े रहें, पैर की उंगलियां बाहर की ओर हों।
यदि संभव हो तो अपनी एड़ियों को जमीन पर रखते हुए बैठ जाएं।
अपनी कोहनियों को अपने घुटनों के अंदर की ओर दबाएं और अपनी हथेलियों को अपनी छाती के सामने एक साथ लाएं।
गहरी सांस लेते हुए 30 सेकंड से 1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहें।
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