यदि विधि-विधान से गंगा सप्तमी के दिन पूजा की जाती है तो ग्रह दोषों का निवारण होने के साथ-साथ सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 13 May 2024 11:09:40 AM (IST)
Updated Date: Mon, 13 May 2024 11:10:25 AM (IST)
HighLights
- हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी व्रत रखा जाता है।
- पौराणिक मान्यता है कि इस तिथि को ही गंगा नदी का पृथ्वी लोक पर अवतरण हुआ था।
- हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 13 मई, 2024 शाम 5.20 बजे शुरू होगी।
धर्म डेस्क, इंदौर। यदि किसी जातक की कुंडली में ग्रह दोष होता है तो उसके जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ग्रह दोषों के निवारण के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, ग्रह दोषों के निवारण के लिए गंगा सप्तमी व्रत का विशेष महत्व होता है। 14 मई को आप व्रत के दौरान ये उपाय करेंगे तो ग्रह दोषों का जल्द निवारण होगा।
इस मुहूर्त में करें गंगा सप्तमी पूजन
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी व्रत रखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस तिथि को ही गंगा नदी का पृथ्वी लोक पर अवतरण हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 13 मई, 2024 शाम 5.20 बजे शुरू होगी और इस तिथि का समापन 14 मई को शाम 6.49 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, गंगा सप्तमी तिथि 14 मई, 2024 को मनाना उचित होगा।
सभी पापों से मिलती है मुक्ति
यदि विधि-विधान से गंगा सप्तमी के दिन पूजा की जाती है तो ग्रह दोषों का निवारण होने के साथ-साथ सभी पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य, गंगा माता की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा पूजन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा सप्तमी पर इन बातों का रखें ध्यान
- गंगा सप्तमी पर संभव हो तो गंगा स्नान जरूर करें।
- घर पर गंगाजल का छिड़काव करें।
- गंगा सप्तमी के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देकर पूजन करें।
- गंगा माता की आरती गाएं और मंत्रों का जाप करें।
- गंगा नदी के घाट पर जाकर गंगा आरती में शामिल हो।
- गंगा सप्तमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
डिसक्लेमर
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