ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया पंचांग की गणना के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 23 मई को गुरुवार के दिन विशाखा नक्षत्र उपरांत अनुराधा नक्षत्र तथा परिघ योग उपरांत शिवयोग के संयोजन में आ रही है।
By Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Thu, 16 May 2024 08:15:02 AM (IST)
Updated Date: Thu, 16 May 2024 08:36:03 AM (IST)
HighLights
- धर्म आराधना व हर प्रकार की खरीदारी के लिए विशेष शुभ दिन
- मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए करें भगवान विष्णु की आराधना
- धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार गुरुवार के दिन पूर्णिमा तिथि का होना शुभ है
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। वैशाख मास की पूर्णिमा 23 मई को गुरुवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के महासंयोग में आ रही है। धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार गुरुवार के दिन पूर्णिमा तिथि का होना शुभ है, साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग की साक्षी ने इसकी शुभता को और बढ़ा दिया है। ऐसे शुभ दिन स्नान, दान तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु का पूजन महापुण्य फल प्रदान करने वाला माना गया है। इस दिन हर प्रकार की खरीदी भी समृद्धि प्रदान करती है।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया पंचांग की गणना के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 23 मई को गुरुवार के दिन विशाखा नक्षत्र उपरांत अनुराधा नक्षत्र तथा परिघ योग उपरांत शिवयोग के संयोजन में आ रही है। विशेष यह भी है कि इस दिन वृश्चिक राशि का चंद्रमा रहेगा, जो अत्यंत ही शुभ है।
संयोग से इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। शगुन शास्त्र के अनुसार पंचांग की यह स्थितियां व्यक्ति को उस दिन किए गए धार्मिक कार्य, दान धर्म आदि का विशेष फल प्रदान कराते हैं। साथ ही परिवार में सुख शांति, समाज में मैत्री भाव, व्यापार व्यवसाय में वृद्धि, आय में अनुकूलता, खरीदारी में संतोष व समृद्धि प्रदान करने में सहायक होती है।
कुर्म जयंती व बुद्ध पूर्णिमा भी इसी दिन
वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि पर कुर्म जयंती, बुद्ध जयंती की भी मान्यता है। कुर्म पुराण में भी इसका आंशिक उल्लेख दिया गया है। धन की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी की पूजन भी इस पूर्णिमा तिथि पर की जाती है। लक्ष्मीनारायण का यथा विधि पूजन करके कृपा प्राप्त की जा सकती है। यह करने से दरिद्रता का निराकरण होता है।
उज्जैन में नौ नारायण की मान्यता
तीर्थपुरी अवंतिका में नौ नारायण की मान्यता है। भक्त अधिकमास में नौ नारायण की यात्रा करते हैं। इनमें अनंत नारायण, चतुर्भुज नारायण, सत्यनारायण, लक्ष्मीनारायण आदि शामिल हैं। पूर्णिमा के दिन इन मंदिरों में दर्शन तथा ऋतु अनुसार फल आदि का दान करने से विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।