देश के सबसे बड़े निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने कहा कि उसके कुल खर्च का करीब सात फीसदी सूचना प्रौद्योगिकी पर व्यय होता है। बैंक डिजिटल आधारभूत ढांचे पर निवेश बढ़ा रहा है।
एचडीएफसी के कंट्री हेड – पेमेंट्स, लायबिलिटी प्रोडक्ट्स, कंज्यूमर फाइनैंस ऐंड मार्केटिंग, पराग राव ने बताया, ‘शुरुआती दौर में पूंजीगत व्यय थोड़ा सा अधिक होता है और परिचालन लागत थोड़ी कम होती है। लेकिन सिस्टम लागू होने के बाद परिचालन व्यय बढ़ना शुरू हो गया है और पूंजीगत व्यय कम होना शुरू हो गया है। लिहाजा यह खर्च का पारंपरिक निवेश चक्र है। यह औसतन 6-7 फीसदी है।’
वित्त वर्ष 24 में एचडीएफसी बैंक का परिचालन व्यय बीते साल के 47,600 करोड़ रुपये से 33 फीसदी बढ़कर 63,390 करोड़ रुपये हो गया। राव ने कहा, ‘हमने बदलाव का रास्ता अपनाया है और इसमें तीन से चार वर्ष लगेंगे। इस बदलाव का प्रमुख हिस्सा डिजिटल निवेश या तकनीक में निवेश है।’
एचडीएफसी बैंक का डिजिटल कारोबार पेजैप को फिर से लॉन्च करने के बाद से बढ़ रहा है और इसके करीब एक करोड़ ग्राहक हैं। भारत के ज्यादातर बैंकों ने तकनीकी क्षमता बढ़ाने के लिए तकनीक पर खर्च बढ़ा दिया है।
अन्य निजी ऋणदाता आईडीबीआई बैंक ने बताया कि वह वित्त वर्ष 2023-24 (वित्त वर्ष 24) में सूचना प्रौद्योगिकी के संचालन पर खर्च 6.5 फीसदी से बढ़ाकर मध्यम अवधि में 8-9 फीसदी करेगा।
आईडीबीआई बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी राकेश शर्मा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमारे डिजिटल सोल्यूशंस, एनालिटिक्स, एआई (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) में तत्काल निवेश की योजनाएं हैं। हम डेटा सेंटर और क्लाउड सहित आईटी आधारभूत ढांचे में निवेश जारी रखेंगे।
First Published – May 14, 2024 | 10:18 PM IST