Menu
Call us
Whatsapp
Call us
Whatsapp
Menu
News
Bareilly Business
Add Post
Register
Login
Contact us
News
Bareilly Business
Add Post
Register
Login
Contact us
Home न्यूज़

Asthma mareejo ke liye yogasan,- अस्थमा मरीजों के लिए योगासन

bareillyonline.com by bareillyonline.com
7 May 2024
in न्यूज़
4 0
0
6
SHARES
35
VIEWS
WhatsappFacebookTwitterThreads

[ad_1]

दिन की शुरूआत कुछ आसान योग मुद्राओं और ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ से करने से शरीर एक्टिव और डिटॉक्सीफाई हो जाता है। जानते है, वो आसान ब्रीदिंग एक्सरसाइज़, जिससे अस्थमा के ट्रिगर्स से बचा जा सकता है

पर्यावरण में बढ़ने वाले प्रदूषण के स्तर के कारण फेफड़ों से संबधी समस्याओं का संकट गहराने लगा है। पॉल्यूटेंटस के संपर्क में आने से लोगों को शॉर्टनेस ऑफ ब्रीदिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में योगासनों की मदद से अस्थमा (Asthma) के जोखिम को कम कर फेफड़ों को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है। दिन की शुरूआत कुछ आसान योग मुद्राओं और ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ से करने से शरीर एक्टिव और डिटॉक्सीफाई हो जाता है। जानते है, वो आसान ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ (Breathing exercise), जिससे अस्थमा के ट्रिगर्स से बचा जा सकता है।


वर्ल्ड हेल्थ ऑर्ग्नाइजेशन (World health organization) के अनुसार अस्थमा की गिनती एक नॉन कम्यूनिकेबल डिज़ीज़ में की जाती है। साल 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वभर में 262 मीनियन लोग अस्थमा से ग्रस्त हैं। वहीं ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत मे 35 मीलियन लोग अस्थमा के शिकार है। इसमें से 25 फीसदी लोगों को साल में एक बार अस्थमा के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है। वहीं सालाना अस्थमा से 4.61 लाख लोगों की मौत होती है।

breathing par dhyan dene se stress door hota hai.
सांस लेने वाले योग से आपके श्वासन मार्ग भी साफ होता है । चित्र-अडोबी स्टॉक

वर्ल्ड अस्थमा डे 2024 (World Asthma Day 2024)

ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (World health organization) की एक सहयोगी संस्था है, की शुरूआत 1993 में हुई। सन् 1998 में ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा की ओर से पहली बार वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया गया।

मई महीने के पहले मंगलवार को मनाए जाने वाले इस खास दिन का मकसद लोगों को अस्थमा के बारे में जागरुक करके इसके ट्रिगर्स की जानकारी देना है। इस खास मौके पर अस्थमा के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए जगह जगह वर्कशॉप्स और सेमिनार का आयोजन किया जाता है। इस साल वर्ल्ड अस्थमा डे 2024 (World Asthma Day 2024) की थीम अस्थमा एजुकेशन एम्पावर्स है।

फेफड़ों की क्षमता बढ़ाकर अस्थमा पेशेंट्स को राहत दे सकता है योगाभ्यास

योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि योग का नियमित अभ्यास करने से इनहेलिंग और ब्रीदिंग कपेसिटी में बढ़ोतरी होने लगती है। योग करने से चेस्ट एक्सपैंड होती है और सांस लेने की क्षमता बढ़ने लगती है। वे लोग जो सांस संबधी समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं, उन्हें नियमित रूप से योग का अभ्यास करना चाहिए। इससे लंग्स की कपेसिटी बढ़ती है, चेस्ट मसल्स इंप्रूव होते हैं और इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है।

यह भी पढ़ें

सही एक्सरसाइज हेयर ग्रोथ में भी है मददगार, यहां जानिए बालों को लंबा करने वाले व्यायाम

यहां हैं वे 5 योगासन जो अस्थमा मरीजों को राहत दे सकते हैं

1. अनुलोम विलोम प्राणायाम (Alternate nostril breathing)

सांस लेने में बढ़ने वाली तकलीफ को दूर करने के लिए अनुलोम विलोम का अभ्यास आवश्यक है। इसे करने के लिए सुखासन में बैठें और फिर अपनी आंखें बंद कर लें। अब अपना पूरा ध्यान अपनी सांस पर केंद्रित कर लें। दाहिने हाथ के अंगूठे को दाईं नासिका पर टिकाएं और बाहिनी ओर से गहरी सांस लें। अब बाई ओा अंगूठे को रखकर धीरे धीरे सांस छोड़ने का प्रयास करें। इसके नियमित अभ्यास से सांस फूलने की समस्या से बचा जा सकता है।

यह भी पढ़ें,- तनाव से बचना है, तो हर रोज़ करें अनुलोम-विलोम प्राणायाम, यहां है इसे करने का सही तरीका

pranayama se asthma par kaboo paa skte hain
सांस लेने में बढ़ने वाली तकलीफ को दूर करने के लिए अनुलोम विलोम का अभ्यास आवश्यक है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. क्रम से सांस लेना (Box breathing)

इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। अब 1 से लेकर 4 तक गिनती करें और लंग्स में सांस भरें। अब 10 सेकण्ड तक सांस को होल्ड करके रखें। उसके बाद 4 तक गिनती गिनते हुए सांस को रिलीज़ करें। इसके नियमित अभ्यास से इनहेलिंग और एक्सेलिंग में मदद मिलती है। इस एक्सरसाइज़ को ज़मीन पर बैठकर या कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें,- गिरता तापमान बढ़ा रहा है श्वास संबंधी समस्याएं, तो इन आसान एक्सरसाइज से बनाएं फेफड़ों को मजबूत

3. बैली ब्रीदिंग (Belly breathing)

इसे करने के लिए पीठ के बल मैट पर लेट जाएं और गहरी सांस लें। सांस को कुछ सेकण्ड तक पेट में ही रखें। अब दोनों बाजूओं को पेट के पास लेकर आएं और फिर धीरे धीरे सांस को छोड़ें। इस एक्सरसाइज़ को दिन में 2 से 3 बार दोहराने से सांस लेने में होने वाली तकलीफ से बचा जा सकता है। इसे करने से फेफड़ों को मज़बूती मिलने लगती है।


यह भी पढ़ें,- Belly Breathing : सांस लेने का तरीका भी करता है आपकी सेहत को प्रभावित, जानिए क्या है बैली ब्रीदिंग

Belly breathing exercise ke fayde
बैली ब्रीदिंग से करने से फेफड़ों को मज़बूती मिलने लगती है।

4. उद्गीथ प्राणायाम (Pursed lip breathing)

शरीर को एक्टिव और एनर्जी से भरपूर बनाए रखने के लिए उद्गीथ प्राणायाम का अभ्यास आवश्यक है। इसके लिए सुखासन मे बैठ जाएं और पीठ को सीधा रखें। अब नाक से सांस लें और आंखें बंद रखें। इसके बाद होठों को थोड़ा सा खोलें और सांस को धीरे धीरे रिलीज़ करें।

यह भी पढ़ें,- इन 4 ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ से बढ़ाएं फेफड़ों की क्षमता, नहीं होंगी श्वसन संबंधी समस्याएं

5. डीप ब्रीदिंग (Deep breathing)

शरीर को रिलैक्स रहने दें और नाक से गहरी सांस लें। सांस लेकर पेट को फुला लें। अब कुछ सेकण्ड तक सांस को होल्ड करके रखें। उसके बाद सांस को बाहर निकालें और पेट को अंदर की ओर खीचें। 4 से 5 बार इस एक्सरसाइज़ को करने से सांस संबधी समस्याओं से राहत मिलने लगती है।

यह भी पढ़ें,- Deep Breathing : एयर पॉल्यूशन से फेफड़ों को बचाना है तो इस तरह करें डीप ब्रीदिंग का अभ्यास

[ad_2]

Source link

Advertisement Banner

Trending Now

edit post
सर्दियों में अपनी कार की कैसे करें देखभाल, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद
ऑटोमोबाइल

सर्दियों में अपनी कार की कैसे करें देखभाल, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद

6 months ago
edit post
न्यूज़

राशन की दुकानों पर नमक वितरण का मामला गरमाया, सीडीओ ने दिए जांच के आदेश

1 week ago
edit post
न्यूज़

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 जून 2025 को बरेली का दौरा करेंगी

2 days ago
edit post
न्यूज़

डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त: बरेली और बदायूं में तनाव

4 days ago
No Result
View All Result
  • न्यूज़
  • एंटरटेनमेंट
  • स्पोर्ट्स
  • व्रत त्यौहार
  • ऑटोमोबाइल
  • हैल्थ
  • ब्लॉग
  • बरेली बिज़नेस
  • Contact

© 2025 Bareilly Online bareillyonline.

Go to mobile version