प्रेगनेंसी जटिल होने पर प्रीटर्म बर्थ की आशंका बनी रहती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ मामलों में वेजाइनल हाइजीन का ख्याल नहीं रखने पर भी यह समस्या हो जाती है। प्री टर्म बर्थ से बचाव के लिए वेजाइनल हाइजीन का ख्याल रखना जरूरी है। इसके लिए कुछ टिप्स भी फॉलो किये जा सकते हैं।
ज़्यादातर गर्भधारण जटिल नहीं होते हैं। कभी-कभी कुछ समस्या होने पर समय से पहले बच्चा यानी प्रीटर्म बर्थ जैसी जटिलता सामने आ सकती है। ज्यादातर मामलों में हार्मोनल परिवर्तन और ब्लड शुगर या ब्लड प्रेशर की समस्या इसका कारण बनते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान योनि की साफ़-सफाई नहीं रखने पर भी ये समस्या हो जाती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्भावस्था शुरू होने से पहले ही वेजाइनल हाइजीन का ख्याल रखना शुरू कर देना चाहिए। इसके लिए कुछ उपायों को अपनाना जरूरी (vaginal hygiene and preterm birth) है।
प्रीटर्म बर्थ क्या है (Preterm birth?
औसतन गर्भावस्था 40 सप्ताह तक चलती है। समय से पहले या प्रीटर्म बर्थ गर्भावस्था के 37वें सप्ताह की शुरुआत से पहले होता है। जब समय से पहले बच्चे का जन्म बिना किसी चिकित्सा हस्तक्षेप के होता है, तो इसे सहज समय से पहले जन्म ( spontaneous preterm birth) के रूप में जाना जाता है। कभी-कभी, समय से पहले बच्चे का जन्म तब होता है, जब जटिलताओं के कारण डॉक्टर को बच्चे को जन्म देने के लिए मां को प्रेरित करने की जरूरत पड़ती है। यह दवा देकर प्रेरित किया जाता है। गर्भावस्था की एक जटिलता जो हाई ब्लड प्रेशर और ऑर्गन डैमेज का कारण बनती है प्रीक्लेम्पसिया कहलाती है। इसमें प्रीटर्म बर्थ की जरूरत पाती है। वेजाइनल बर्थ और सिजेरियन बर्थ दोनों समय से पहले हो सकते हैं।
वेजाइनल हाइजीन और प्रीटर्म बर्थ (vaginal hygiene and preterm birth)
हम जानते हैं कि सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन का कारण बनने वाले बैक्टीरिया जैसे गोनोरिया, सिफिलिस, क्लेमाइडिया समय से पहले जन्म के जोखिम को बढ़ा सकता है। इनके अलावा, बैक्टीरियल वेजिनोसिस का कारण बनने वाले बैक्टीरिया भी इसके जिम्मेदार हो सकते हैं।
ये बैक्टीरिया योनि के पीएच वैल्यू में असंतुलन का कारण बन जाते हैं। बैक्टीरियल वेजिनोसिस अक्सर उन महिलाओं में देखा जाता है, जो डूशिंग प्रैक्टिस करती हैं। कुछ डिटर्जेंट भी इसे बढ़ा सकते हैं।
माइक्रोबायोम की सुरक्षा (Microbiome and preterm birth connection)
लैक्टोबैसिलस प्रजाति विशेष रूप से लैक्टोबैसिलस क्रिस्पैटस का हाई लेवल सुरक्षात्मक प्रभाव वाला होता है। यह समय से पहले जन्म के जोखिम को कम करता है। दूसरी ओर लैक्टोबैसिलस प्रजातियों के निम्न स्तर वाला बैक्टीरिया सीएसटी 4 महिलाओं में समय से पहले प्रसव का जोखिम बढ़ा देता है। यूरियाप्लाज्मा यूरियालिटिकम, फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम, बैक्टेरॉइड्स यूरियोलिटिकस, स्नेथिया सेंगुइनजेन्स, यूरियाप्लाज्मा पार्वम और स्ट्रेप्टोकोकस एगैलैक्टिया भी इसकी वजह बन जाते हैं।
समय से पहले जन्म से बचाव के लिए 4 सुझाव (4 tips for vaginal hygiene to prevent preterm birth)
समय से पहले जन्म का कारण अक्सर अज्ञात होता है। इसमें कई कारक शामिल होते हैं, फिर भी कुछ चीजें हैं जो जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं।
1 योनि माइक्रोबायोम की जांच (balanced vaginal microbiome)
गर्भावस्था के दौरान सबसे जरूरी है अपनी योनि माइक्रोबायोम की जांच। सेक्सुअल हेल्थ जर्नल की स्टडी बताती है कि सीएसटी 4 लैक्टोबैसिलस के निम्न स्तर के कारण बैक्टीरियल वेजिनोसिस होती है। ऐसी महिलाओं में समय से पहले जन्म की दर अधिक होती है। अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि वेजाइनल माइक्रोबियल संरचना में बदलाव से समय से पहले प्रसव का जोखिम कम होता है या नहीं। कुछ क्लिनिकल टेस्ट में एंटीबायोटिक दवाओं के साथ बैक्टीरियल वेजिनोसिस के इलाज के प्रभाव को देखा गया है। इससे जोखिम में कोई कमी नहीं पाई गई है। यदि योनि का माइक्रोबायोम संतुलित स्थिति में नहीं है, तो प्रीटर्म बर्थ के हाई रिस्क से जुड़े बैक्टीरिया को बाहर निकालने की कोशिश करें। इसके लिए लैक्टोबैसिलस क्रिस्पैटस युक्त प्रोबायोटिक्स या वेजाइनल सपोसिटरीज आज़माना फायदेमंद हो सकता है।
2 जैल और डूश जैसे वेजाइनल प्रोडक्ट को करें एवॉइड (avoid vaginal gel and douching)
जैल और डूश जैसे वेजाइनल प्रोडक्ट के बारे में सतर्क रहें। रीप्रोडक्टिव हेल्थ रिसर्च के अनुसार, जिन महिलाओं ने गर्भावस्था से पहले या उसके दौरान लैक्टैसिड जैसे ओवर-द-काउंटर वेजाइनल जेल का इस्तेमाल किया, उनमें समय से पहले जन्म का जोखिम 2.3-3.4 गुना अधिक था। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि डूशिंग से समय से पहले जन्म का खतरा बढ़ जाता है। वेजाइनल जैल और डूश प्रोडक्ट के केमिकल वेजाइनल माइक्रोबायोम को बाधित कर सकते हैं।
3 फाइनल ट्राइमेस्टर के दौरान पैंटी लाइनर का प्रयोग (Panty liner)
गर्भावस्था के अंतिम महीनों में गर्भस्थ शिशु के विकास के कारण गर्भाशय बड़ा हो जाता है। इसके युरीनरी ब्लैडर पर दवाब बढ़ जाता है। इसके कारण बार-बार यूरीन पास और रिसाव की संभावना बनी रहती है। यूरीन इन्फेक्शन की संभावना भी बनने लगती है। इसके कारण बैक्टीरियल वेजिनोसिस हो सकता है, जो प्रीटर्म बर्थ के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इसलिए पैंटी लाइनर पहनें। इसे आप हर 2-3 घंटे में बिना किसी असहजता के बदल सकती हैं।
4 समय-समय पर प्यूबिक हेयर ट्रिम करें (trim pubic hair)
प्यूबिक हेयर की समय-समय पर सफाई करती रहें। साफ़-सफाई का ख्याल नहीं रखने पर इन्फेक्शन का खतरा बन सकता है। इसकी ट्रिमिंग, वैक्सिंग रेजर से सफाई आदि की जा सकती है। इसे हेयर रिमूविंग क्रीम से भी हटाया जा सकता है। ध्यान यह रखना है कि स्किन कट-फट नहीं जाए, क्योंकि इससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। यह चोट और एलर्जी की सभी संभावनाओं को कम करता है।
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