जिन लोगों को यूटीआई अधिक फ्रिक्वेंटली प्रभावित करती है, उन्हें इसके कारणों का पता होना चाहिए, ताकि वे इस स्थिति से बार-बार संक्रमित न हों।
यूटीआई यानी कि यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन की समस्या एक प्रकार का संक्रमण है, जो कुछ लोगों में अधिक फ्रिक्वेंटली देखने को मिलता है। यूटीआई ब्लैडर, वेजाइना, और यूरिनरी ट्रैक्ट को प्रभावित करती है, परंतु यदि इसे समय रहते ट्रीट न किया जाए और ये लंबे समय तक बनी रहे तो इसकी वजह से किडनी इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए इसके प्रति सचित रहना जरूरी है। जिन लोगों को यह अधिक फ्रिक्वेंटली प्रभावित करती है, उन्हें इसके कारणों का पता होना चाहिए, ताकि वे इस स्थिति से बार-बार संक्रमित न हों।
मैत्री वुमन की संस्थापक, सीनियर कंसल्टेंट गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर अंजलि कुमार ने यूटीआई यानी कि यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन के कुछ कॉमन कारण बताए हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में, और परेशानियों को अवॉइड करने के लिए आगे से इनके प्रति विशेष सावधानी बरतें।
यहां जाने यूटीआई के कुछ कॉमन कारण
1. हाइजीन मेंटेन न करना
इंटिमेट हाइजीन मेंटेन न करना uti का एक बेहद कॉमन कारण है। जब आप अपनी वेजाइनल हाइजीन मेंटेन नहीं करती या नियमित रूप से अंडर गारमेंट्स नहीं बदलती हैं, तो इस स्थिति में यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि इंटिमेट एरिया में हानिकारक बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ जाता है, और वे आपकी यूरिनरी ट्रैक्ट में ट्रांसफर हो सकते हैं। वहीं ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए नियमित रूप से वेजाइनल क्लीनिंग पर ध्यान दें, साथ ही अंडरगारमेंट्स बदलना न भूले।
2. यूरिन होल्ड करने की आदत
यदि आप भी उनमें से एक है जो अपनी यूरिन को लंबे समय तक होल्ड किए रहते हैं। ऐसा करने से बचें, क्योंकि यह आपके लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। यूरिन होल्ड करने की आदत से ब्लैडर में कीटाणुओं का ग्रोथ बढ़ जाता है और यह यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन का कारण बन सकती हैं। इसलिए पेशाब महसूस होने पर फौरन अपने ब्लैडर को खाली करें, इंतजार करने से आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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3. डायबिटीज की स्थिति में
यदि आपको डायबिटीज है तो आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन का खतरा अधिक होता है। यदि कोई महिला अपने ब्लड शुगर लेवल पर कंट्रोल नहीं रख पाती है, तो उनमें यूटीआई होना आम बात होती है। यूरिन में बढ़ती शुगर की मात्रा से ब्लैडर में बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ता है, ऐसे में यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन के अलावा अन्य वेजाइनल संक्रमण भी आपको प्रभावित कर सकते हैं। इस प्रकार की संक्रमण को अवॉइड करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, कि आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखें।
4. अनसेफ सेक्स
यदि आप बिना कंडोम के सेक्स करती हैं, या सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान किसी भी प्रकार की प्रिकॉशन और प्रोटेक्शन का इस्तेमाल नहीं करती हैं, तो इस स्थिति में यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है। बिना प्रोटेक्शन के सेक्स करने से पार्टनर के जेनिटल पर मौजूद बैक्टीरिया आपके वजाइना के माध्यम से ब्लैडर में ट्रांसफर हो सकते हैं। इस प्रकार यह यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन के खतरे को बढ़ा देते हैं। इसलिए सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान हमेशा प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें।
5. हॉर्मोंस में बदलाव आना
हारमोंस में कुछ प्रकार का बदलाव आना जैसे की प्रेगनेंसी पीरियड्स और किसी अन्य मेडिकल कंडीशन की वजह से हारमोंस बदलते हैं। इस स्थिति में UTI का खतरा बढ़ जाता है। बॉडी का एक नेचुरल एनवायरमेंट होता है, जब हारमोंस में बदलाव आता है तो वेजाइनल बैक्टीरिया भी उसी प्रकार से बदलते हैं। ऐसे में हानिकारक बैक्टीरिया का प्रभाव बढ़ाने की वजह से कई बार महिलाएं UTI की शिकार हो सकती हैं।
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