बताया गया है कि अभ्यास के दौरान युद्ध के मैदान की स्थितियों को दर्शाते हुए मूविंग और स्थिर टार्गेट्स पर लाइव फायरिंग की गई। आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, जिस मिसाइल को इस्तेमाल किया गया, उसका नाम कॉनकर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है।
रिपोर्ट के अनुसार, मिसाइल को बनाने का लाइसेंस बीडीएल के पास है। यह डील रूस के साथ हुई है और मिसाइल को भारत में बनाया जाता है। दावा है कि मिसाइल की मदद से किसी भी टैंक या बख्तरबंद गाड़ी को उड़ाया जा सकता है। मजबूत से मजबूत टैंक को यह मिसाइल मिनटों में चकनाचूर कर सकती है।
आर्मी ने मिसाइल ट्रायल का वीडियो भी जारी किया है। उसमें देखा जा सकता है कि वीकल के अलावा स्टैंड पर लगाकर इस्तेमाल किया जा रहा है। आजतक की रिपोर्ट कहती है कि कॉनकर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल की रेंज 75 से 4 हजार मीटर है। सिर्फ 19 सेकंड में यह अपने मैक्सिमम टार्गेट तक पहुंचकर उसे बर्बाद कर सकती है। इतनी स्पीड में दुश्मन को संभलने का मौका नहीं मिलता है।
सबसे अहम बात कि इसका वजन बहुत ज्यादा नहीं है। यह करीब 15 किलो की है और लॉन्च पोस्ट को जोड़ने पर साढ़े 22 किलो की हो जाती है। भारत की यह मिसाइल चीन को सीधा संदेश हो सकती है कि बॉर्डर पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से तैयार है।