जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है स्वास्थ्य समस्याओं में भी तेजी आ जाती है। क्या आपने कभी गौर किया है कि गर्मी बढ़ने पर संक्रमण के मामले भी बढ़ने लगते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि ज्यादा गर्मी कमजोर इम्यून सिस्टम और सूजन का कारण भी बन सकता है। क्या अधिक गर्मी में इम्यून सिस्टम मजबूत रखा जा सकता है?
गर्मी शुरू हो चुकी है। मौसम बदलने के साथ ही स्वास्थ्य की कुछ छोटी-मोती दिक्क्तें भी शुरू हो जाती हैं। गर्मी के दिनों में संक्रमण तो आम हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि ज्यादा गर्मी के संपर्क से शरीर में सूजन बढ़ सकती है। इसके कारण शरीर में सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों में बाधा भी आ सकती है। यही वजह है कि संक्रमण की संभावना भी बढ़ (heat effect on immune system) जाती है। जानते हैं ऐसा क्यों होता है ?
क्या कहता है शोध (research on heat effect on immune system)
शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने पिछले साल गर्मी के दिनों में बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के ब्लड टेस्ट किये। हवा के तापमान के शरीर पर प्रभावों की जांच की। उन्होंने प्रतिरक्षा-संकेत देने वाले अणुओं और सूजन मार्करों के लेवल का भी विश्लेषण किया।ब्लड टेस्ट और विश्लेषण के आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि तेज़ गर्मी के संपर्क में आने से प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाएं ख़राब हो सकती हैं। ये विशिष्ट वायरस और कीटाणुओं के शरीर में प्रवेश को पहचानती हैं। ये सिग्नलिंग अणुओं का अत्यधिक उत्पादन करती हैं, जिससे शरीर में सूजन हो सकती है।
क्यों बढ़ती है सूजन (Cause of inflammation)
चोट या संक्रमण के खिलाफ शरीर की सुरक्षा का एक सामान्य हिस्सा है सूजन। सूजन प्रतिक्रिया लंबे समय तक चलती है। यह हफ्तों से महीनों तक चलती है। यह क्रिया स्वस्थ ऊतकों में होती है, तो वह हानिकारक होती है। यह आर्टरी में प्लाक के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकता है। गर्मी की लहरें सूजन को बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं। हालांकि हवा के तापमान और सूजन के बायोमार्कर की जांच करने वाले अध्ययनों में मिश्रित परिणाम आए हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, तापमान में वृद्धि के बाद मोनोसाइट्स (4.2%), इओसिनोफिल्स (9.5%), नेचुरल किलर टी-कोशिकाएं (9.9%) और ब्लड में ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर-अल्फा (7.0%) हो गया।
बी-कोशिकाओं में कमी (decrease in B Cells)
ये प्रतिरक्षा अणु शरीर की जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली की सक्रियता का संकेत देते हैं, जो रोगजनकों और चोट से बचाने के लिए पूरे शरीर में एक तेज़ और नॉन स्पेसिफिक सूजन प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है। तापमान के कारण बी-कोशिकाओं में कमी (6.8%) भी देखी गई, जो शरीर की अनुकूल प्रतिरक्षा प्रणाली को इंगित करती है। यह विशिष्ट वायरस और कीटाणुओं को याद रखती है और उनसे लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाती है। इनकी संख्या भी कम हो गई।
शरीर के तापमान को असुरक्षित स्तर तक बढ़ा सकती है (heat can increase body temperature)
एक्सपर्ट गर्मी के अत्यधिक संपर्क में आने से मना करते हैं। अत्यधिक गर्मी से प्रतिरक्षा प्रणाली के ख़ास पैथोजन्स को पहचानने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे सूजन हो सकती है और हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है। अत्यधिक गर्मी शरीर के तापमान को असुरक्षित स्तर तक बढ़ा सकती है, जो वायरस और अन्य कीटाणुओं से लड़ने की प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
हीट स्ट्रेस इम्युनिटी रेस्पॉन्स को सक्रिय करता है। होमियोस्टैसिस को बनाए रखने के लिए प्रो-इंफ्लेमेटरी और एंटी-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स का कंसन्ट्रेशन बदल जाता है। एडेप्टिव इम्यून सिस्टम सेल मीडीएटेड यानी टी-लिम्फोसाइट्स; Th1 और Th2) और ह्यूमरल-मीडीएटेड यानी बी-लिम्फोसाइट्स बढ़ा देता है।
इम्यून सिस्टम की मजबूती के लिए हीट स्ट्रेस से कैसे बचाव करें (how to prevent heat stress for strong immune system)
1 हाइड्रेटेड रहें (Be hydrated)
जब आप अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आएं, तो प्यास लगने से पहले पानी पीती रहें। खासकर जब आप बाहर हों और शारीरिक गतिविधि कर रही हों।
2 रिलैक्सेशन का अभ्यास करें (Do Relaxation practice)
गहरी और आरामदायक सांस लेने से प्रतिरक्षा प्रणाली शांत हो सकती है। शरीर में स्ट्रेस हार्मोन लेवल को कम करने से सूजन कम हो सकती है। इसलिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज पर ध्यान दें। मेडिटेशन, योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
3 बाहरी गतिविधियों को सावधानी से शेड्यूल करें (Schedule Outdoor Activities Carefully)
जब भी बाहर जाएं, तो प्लानिंग से जाएं। जब अधिक गर्मी (heat effect on immune system) पड़ रही हो, तो उस तरह का प्रोग्राम बनाएं कि बाहर जाना नहीं पड़े।
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