चैत्र नवरात्र में सच्चे मन से पूजा की जाए, तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जब मां दुर्गा की मूर्ति वास्तु शास्त्र के अनुसार स्थापित की जाती है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Sat, 06 Apr 2024 02:01 PM (IST)
Updated Date: Sat, 06 Apr 2024 02:01 PM (IST)
HighLights
- नवरात्र के दौरान वास्तु के कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र में पूजा-पाठ से जुड़ी हर बात बताई गई है।
- घर में कलश की स्थापना ईशान कोण में करना शुभ माना जाता है।
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र का त्योहार देशभर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। व्रत भी रखा जाता है। इस बार नवरात्र 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल को समाप्त होगी। ऐसा माना जाता है कि चैत्र नवरात्र में सच्चे मन से पूजा की जाए, तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जब मां दुर्गा की मूर्ति वास्तु शास्त्र के अनुसार स्थापित की जाती है। अगर आप भी चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की प्रतिमा या प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं, तो उनकी कृपा प्राप्त होने लगती है। माना जाता है कि नवरात्र के दौरान वास्तु के कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
इस दिशा में स्थापित करें मां दुर्गा की मूर्ति
वास्तु शास्त्र में पूजा-पाठ से जुड़ी हर बात बताई गई है। ऐसे में चैत्र नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करने की सही दिशा के बारे में बताया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करने के लिए घर की उत्तर-पूर्व दिशा शुभ मानी जाती है।
इस दिशा में जलाएं अखंड ज्योत
वास्तु शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्र के दौरान घर में कलश की स्थापना ईशान कोण में करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा घर के आग्नेय कोण में अखंड ज्योति जलानी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पूर्व दिशा में अखंड ज्योत जलाने से शत्रुओं का नाश होता है।
इस दिशा में न करें स्थापना
वास्तु शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्र के दौरान घर की दक्षिण दिशा में मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित नहीं करनी चाहिए। यह दिशा यमराज की मानी जाती है। दक्षिण दिशा में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसलिए इस दिशा में देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करने से घर की शांति खत्म हो जाती है।
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