गूगल की कॉम्पिटिटर Apple की क्रिप्टो से जुड़ी एक्टिविटीज से दूरी बनाए रखने की पॉलिसी है। गूगल की ओर से दर्ज कराए गए मामले में आरोप लगाया गया है कि चीन के ये दोनों नागरिक फ्रॉड करने वाले क्रिप्टो ऐप्स से जुड़ने के लिए लोगों को लालच दे रहे थे। CoinTelegraph की रिपोर्ट के अनुसार, इन ऐप्स से जुड़ने वालों को डिपॉजिट देने के लिए कहा जाता था और बाद में उनका एक्सेस ब्लॉक कर दिया जाता था। गूगल का आरोप है कि चीन के इन दोनों नागरिकों ने अपनी गलत पहचान और लोकेशन बताई थी और प्ले स्टोर पर पब्लिश करने के लिए इन ऐप्स के बारे में गलत जानकारी दी थी। इन फ्रॉड क्रिप्टो ऐप्स के एक लाख से अधिक डाउनलोड होने का अनुमान है।
इनमें से एक ऐप का टाइटल TionRT है। गूगल का कहना है कि इन दोनों ने कम से कम 87 क्रिप्टो स्कैम ऐप्स को प्ले स्टोर पर पब्लिश किया थ। इन ऐप्स के डिवेलपर्स के खिलाफ भी गूगल की ओर से कानूनी मामला दर्ज कराया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो का मार्केट तेजी से बढ़ा है। इस मार्केट में हजारों क्रिप्टोकरेंसीज लॉन्च की गई हैं। इसके साथ ही स्कैम के मामले भी तेजी से बढ़े हैं जिनमें अरबों डॉलर चुराए गए हैं।
हाल ही में गूगल ने इस सेगमेंट के लिए एक नया फीचर शुरू किया है। इसमें गूगल पर एक आसान सर्च के जरिए क्रिप्टो वॉलेट्स में बैलेंस को देखा जा सकेगा। Arbitrum, Avalanche, Bitcoin, Optimism, Polygon और Fantom की ब्लॉकचेन्स पर बेस्ड वॉलेट्स में बैलेंस की जानकारी दी जाएगी। हालांकि, गूगल सर्च के जरिए दिखने वाले बैलेंस वास्तविक समय में अपडेट नहीं होंगे। इस फीचर के लिए पात्र ब्लॉकचेन्स के टोकन्स में ही बैलेंस दिखेंगे। ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शंस को पब्लिक डोमेन्स पर सेव किया जाता है। एक वॉलेट एड्रेस से उसके होल्डर की पहचान का खुलासा नहीं होता। प्रत्येक क्रिप्टो वॉलेट का कंट्रोल इसकी प्राइवेट की में होता है और यह की वॉलेट के होल्डर के पास होती है।
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