गुड़ी पड़वा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है और इस दिन हवन करना शुभ होता है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Wed, 03 Apr 2024 01:09 PM (IST)
Updated Date: Wed, 03 Apr 2024 01:09 PM (IST)
HighLights
- गुड़ी पड़वा के पर्व के समय रबी की फसल काटने का समय होता है।
- यह त्योहार ग्रामीण भारत में विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है।
- एक धार्मिक मान्यता है कि गुड़ी पड़वा के दिन ही परमपिता परमेश्वर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी।
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में गुड़ी पड़वा को एक प्रमुख है और यह त्योहार महाराष्ट्र के साथ-साथ गोवा में उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल गुड़ी पड़वा का त्योहार 9 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा। इसी दिन ने हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है।
इस मुहूर्त में करें पूजा
पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, हिंदू नववर्ष चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इस साल प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल 2024 को रात 11:50 बजे शुरू होगी और इस तिथि की समाप्ति 09 अप्रैल 2024 को रात 08:30 बजे होगी।
गुड़ी पड़वा को लेकर पौराणिक मान्यता
गौरतलब है कि गुड़ी पड़वा के पर्व के समय रबी की फसल काटने का समय होता है। इसलिए यह त्योहार ग्रामीण भारत में विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। एक धार्मिक मान्यता है कि गुड़ी पड़वा के दिन ही परमपिता परमेश्वर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी।
हवन के साथ करें नववर्ष की शुरुआत
गुड़ी पड़वा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है और इस दिन हवन करना शुभ होता है। हवन करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करना चाहिए। हवन कुंड बनाकर देशी घी से दीपक व धूप जलाएं। हवन कुंड में आम की लकड़ी से अग्नि प्रज्वलित करें। मंत्रोच्चार के साथ भगवान की आराधना करते हुए हवन करें।
हवन में शामिल करें ये चीजें
- सूखा नारियल, लाल रंग का कपड़ा, गूलर की छाल
- पलाश, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़
- कलावा, सूखी आम की लकड़ी
- चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, पीपल की छाल
- काला तिल, कपूर, चावल, गाय का घी
- लौंग, लोबान, इलायची, गुग्गल, जौ और शक्कर
डिसक्लेमर
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