चैत्र नवरात्र के पहले दिन कलश की स्थापना की जाती है, क्योंकि इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। साथ ही यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी होता है।
By Ekta Sharma
Publish Date: Fri, 29 Mar 2024 12:28 PM (IST)
Updated Date: Fri, 29 Mar 2024 12:28 PM (IST)
HighLights
- इस बार चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल 2024 से शुरू हो रहे हैं।
- यह 17 अप्रैल 2024 को समाप्त होंगे।
- कलश की स्थापना मंदिर की उत्तर-पूर्व दिशा में ही करें।
धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024: जल्द ही चैत्र नवरात्र शुरू होने वाले हैं। नवरात्र के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है। नवरात्र पर्व मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस बार चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल 2024 से शुरू हो रहे हैं। यह 17 अप्रैल 2024 को समाप्त होंगे। चैत्र नवरात्र के पहले दिन कलश की स्थापना की जाती है, क्योंकि इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है। साथ ही यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी होता है। घटस्थापना शुभ मुहूर्त में और विधि-विधान के साथ की जानी चाहिए।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
- कलश स्थापना तिथि – 9 अप्रैल 2024, मंगलवार।
कलश स्थापना नियम
- सबसे पहले जिस स्थान पर कलश स्थापित किया जाएगा, उस स्थान पर गंगाजल छिड़कें।
- इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का स्वस्तिक बनाएं और उस पर कलश स्थापित करें।
- इसके अलावा मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं और उसमें कलश स्थापित करें।
- कलश में आम के पत्ते रखें और उसमें जल या गंगाजल भरें।
- अब कलश में दूर्वा के साथ एक सुपारी, कुछ सिक्के और हल्दी की गांठ डालें।
- नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर रखें।
- इसके बाद मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें।
- कलश स्थापित करने के साथ ही अखंड ज्योत भी जलाएं।
- कलश स्थापित करें और विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा करें।
- कलश की स्थापना मंदिर की उत्तर-पूर्व दिशा में ही करें।
डिसक्लेमर
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