चैत्र मास की प्रतिपदा 8 अप्रैल को रात 11.50 बजे से शुरू हो रही है। यह तिथि 9 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी।
By Ekta Sharma
Publish Date: Thu, 28 Mar 2024 04:13 PM (IST)
Updated Date: Thu, 28 Mar 2024 04:13 PM (IST)
HighLights
- मराठी में प्रतिपदा तिथि को पड़वा कहा जाता है।
- भगवान ब्रह्मा ने चैत्र माह की प्रतिपदा को ही सृष्टि की रचना की थी।
- गुड़ी पड़वा का त्योहार 9 अप्रैल, मंगलवार को मनाया जाएगा।
धर्म डेस्क, इंदौर। Gudi padwa 2024: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, हर साल 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत होती है। लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अलग दिन से नए साल की शुरुआत होती है। हिंदी कैलेंडर की बात करें, तो नए साल की शुरुआत चैत्र माह की प्रतिपदा से मानी जाती है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास की प्रतिपदा 8 अप्रैल को रात 11.50 बजे से शुरू हो रही है। यह तिथि 9 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में गुड़ी पड़वा का त्योहार 9 अप्रैल, मंगलवार को मनाया जाएगा।
गुड़ी पड़वा का महत्व
गुड़ी का अर्थ झंडा, ध्वज है। वहीं, मराठी में प्रतिपदा तिथि को पड़वा कहा जाता है। इस कारण ही इस त्योहार को गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने चैत्र माह की प्रतिपदा को ही सृष्टि की रचना की थी। इसलिए इस तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस तरह मनाया जाता है गुड़ी पड़वा पर्व
गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घरों की अच्छी तरह से सफाई करते हैं। घर को रंगोली और फूल-मालाओं से सजाया जाता है। वहीं, मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों से बना तोरण भी बांधा जाता है। गुड़ी पड़वा के दौरान कई तरह के पकवान भी बनाए जाते हैं।
घर के सामने ध्वज यानी गुड़ी लगाई जाती है। इसके बाद एक पात्र पर स्वस्तिक बनाकर उस पर रेशमी कपड़ा लपेट दिया जाता है। साथ ही इस तिथि पर सुबह शरीर पर तेल लगाकर स्नान करने की भी परंपरा है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस दिन गुड़ के साथ नीम का कोपल खाने की भी परंपरा है।
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