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India to Make New Success by Launching 21st Century Pushpak Rocket Tomorrow

bareillyonline.com by bareillyonline.com
21 March 2024
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पिछले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष में भारत के अभियानों की सफलता तेजी से बढ़ी है। इसी कड़ी में शुक्रवार (22 मार्च) को रियूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) कर्नाटक में चलाकेरे रनवे से लॉन्च किया जाएगा। इसे पुष्पक कहा जाएगा। यह रियूजेबल रॉकेट सेगमेंट में एंट्री करने की देश की एक कोशिश है। 

पुष्पक की यह तीसरी एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट होगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन, S Somanath ने बताया, “पुष्पक लॉन्च व्हीकल अंतरिक्ष तक पहुंचने का सबसे किफायती जरिया होगा। इस रियूजेबल लॉन्च व्हीकल का सबसे महंगा हिस्सा रियूजेबल बनाया गया है। इससे यह सुरक्षित तरीके से धरती पर वापस लाया जा सकेगा। इस ऊपरी हिस्से में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम होता है। यह बाद में इन-ऑर्बिट सैटेलाइट्स की रिफ्यूलिंग करने के साथ ही ऑर्बिट से सैटेलाइट्स को रिबर्फिशमेंट के लिए ला सकेगा। यह अंतरिक्ष में मलबे को न्यूनतम करने की दिशा में एक कदम है।” 

इसकी पहली एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 2016 में हुई थी। इसने बंगाल की खाड़ी में एक वर्चुअल रनवे पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। इसके बाद यह योजना के तहत समुद्र में डूब गया था। इसका दूसरा टेस्ट पिछले वर्ष 2 अप्रैल को चित्रदुर्ग एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज पर हुआ था। इसके नाम के बारे में सोमनाथ ने बताया कि रामायण में भारत के पौराणिक विमान का संदर्भ दिया गया है। इसे संपत्ति के देवता का वाहन माना जाता है। इस कारण से 21वीं सदी के इस रॉकेट को यह नाम दिया गया है। उन्होंने कहा, “इसके व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध लॉन्चर बनने के बाद यह रेवेन्यू का एक बड़ा जरिया हो सकता है।” पिछले वर्ष ISRO ने चंद्रयान के सफल अभियान के साथ दुनिया भर में अपनी विशेषज्ञता का लोहा मनवाया था। 

ISRO के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के प्रोग्राम डायरेक्टर (एडवांस्ड टेक्नोलॉजी एंड सिस्टम्स ग्रुप), Sunil P ने कहा, “पुष्पक भविष्य का रॉकेट है। ISRO का उद्देश्य ऐसा व्हीकल लॉन्च करना है जो अंतरिक्ष तक कम कॉस्ट में पहुंचा सके।” भारत ने लगभग 15 वर्ष पहले स्पेस शटल का अपना वर्जन डिवेलप करने की योजना बनाई थी। इसके कुछ वर्ष बाद वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की एक टीम ने RLV बनाने का कार्य शुरू किया था। इस 6.5 मीटर के विमान जैसे रॉकेट का भार लगभग 1.75 टन का है। 
 

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ये भी पढ़े:
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