जीवनशैली में बदलाव का असर सेहत पर देखने को मिलता है। लंबे समय तक गलत खानपान की वजह से लोगों को कब्ज की समस्या हो सकती है। इससे गैस, पेट फूलना और बवासीर जैसी समस्या हो सकती है। बवासीर में व्यक्ति में मल त्यागते समय खून निकल सकता है। आयुर्वेद में कटेरी के पौधे से इस समस्या को कम करने का उपाय बताया गया है। आयुर्वेदाचार्य सोनाली गर्ग के अनुसार कटेरी के पौधे से सांस, फेफड़ों से जुड़ी समस्या का भी इलाज किया जाता है। लेकिन, इसका उपयोग बवासीर में भी कर सकते हैं। आगे जानते हैं बवासीर में कटेरी के फायदे और इसके इस्तेमाल का तरीका।
बवासीर में कटेरी के पौधे के फायदे – Benefits Of Kateri Plant in Piles In Hindi
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
कटेरी के पौधे में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो गुदा मार्ग की सूजन को कम करने में मददगार हो सकता है। कटेरी में एक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो सूजन को कम करने का काम करते हैं। इससे दर्द और सूजन में आराम मिलता है।
एनाल्जेसिक प्रभाव
बवासीर से जुड़ा दर्द असहनीय हो सकता है, जो व्यक्ति के रोजाना के कार्यों को प्रभावित कर सकता है। कटेरी अपने एनाल्जेसिक प्रभाव के माध्यम से इस असुविधा से राहत प्रदान करती है। दर्द की अनुभूति को कम करके, यह पौधा बवासीर से पीड़ित व्यक्तियों की अहसजता को कम करने में सहायक हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
फ्री रेडिकल्स बवासीर के लक्षणों को बढ़ाने, सूजन और टिश्यू को डैमेंज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कटेरी पौधे के एंटीऑक्सीडेंट गुण इन प्रभावों को बेअसर करने में मदद करते हैं और गुदा मार्ग में नाजुक टिश्यू को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं।
ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करें
मलाशय क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से न हो पाने के कारण बवासीर के लक्षण बढ़ सकते हैं। कटेरी प्रभावित क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता सकता है, इससे डैमेज टिश्यू के रिपेयर होने में सहायता हो सकती है।
कषाय क्रिया
कटेरी से नसों और टिश्यू में संकुचन पैदा करके, यह बवासीर से जुड़े रक्तस्राव को कम करने में मदद करता है। इससे बवासीर की गंभीरता को कम किया जा सकता है।
बवासीर के लिए कटेरी पौधे का उपयोग कैसे करें – How to use kateri plant for piles in hindi
- ताजे कटेरी के पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाएं।
- इस पेस्ट को सीधे प्रभावित जगह पर लगाएं।
- इसे 15-20 मिनट तक लगा रहने दें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।
- इस उपाय को आप दिन में दोबार तक इस्तेमाल कर सकते हैं।
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बवासीर से जुड़ी समस्या में व्यक्ति को बैठने में परेशानी हो सकती है। साथ ही, गुदा मार्ग में जलन व मस्से हो सकते हैं। इससे बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और फाइबर युक्त आहार को डाइट में शामिल करें। इससे बवासीर में आराम मिलाता है।