Untreated Kidney Disease: 14 मार्च को पूरे विश्व में वर्ल्ड किडनी डे (World Kidney Day 2024) मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य है किडनी की सेहत और किडनी की बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करना। किडनी शरीर का जरूरी अंग है। किडनी यूरिन के जरिए शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को शरीर के बाहर निकाल देती है। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को बनाए रखने का काम भी किडनी करती है। शरीर के लिए ब्लड को फिल्टर करके शुद्ध करने का काम भी किडनी के जरिए होता है। किडनी की मदद से रेड ब्लड सेल्स बनते हैं और ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है। अगर किडनी में कोई बीमारी हो जाए, तो पूरे शरीर पर इसका प्रभाव पड़ता है। लोग कई बार किडनी की बीमारी को नजरअंदाज कर देते हैं जिसके चलते अन्य शारीरिक समस्याएं उठने लगती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे किडनी की बीमारी का इलाज न करवाने पर कौनसी समस्याएं शरीर में उत्पन्न हो सकती हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के असिस्टेंट प्रोफेसर और यूरोलॉजिस्ट डॉ संजीत कुमार सिंह से बात की।
किडनी रोग का इलाज न करवाने के नुकसान- Complications of Untreated Kidney Disease
किडनी की बीमारी का इलाज न करवाने से बहुत सारी शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। जैसे-
- क्रॉनिक किडनी डिजीज: किडनी का इलाज न करवाने से क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) हो जाता है जिसमें किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है।
- हाई बीपी: किडनी की बीमारी का इलाज न करवाने से हाई बीपी की समस्या हो जाती है जिसके कारण आगे चलकर किडनी खराब होती है।
- एडिमा: किडनी की बीमारी के कारण फ्लूड रिटेंशन या एडिमा हो जाता है जिसमें हाथ-पैर और शरीर के अन्य भागों में सूजन आ जाती है और किडनी फंक्शन खराब हो जाता है।
- एनीमिया: अगर आपको किडनी की बीमारी है, तो एनीमिया हो सकता है जिसमें खून की कमी के कारण थकान और कमजोरी महसूस होती है।
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन: किडनी की बीमारी के कारण इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन की समस्या हो जाती है जिसमें सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम का संतुलन खराब हो जाता है।
- कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज: किडनी की बीमारी का इलाज नहीं करवाने के कारण हार्ट की समस्याएं होने लगती हैं। जैसे- हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर। यह सभी गंभीर समस्याएं हैं जिसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
- एंड स्टेज रीनल डिजीज: किडनी की बीमारी का इलाज न करवाने के कारण एंड स्टेज रीनल डिजीज हो जाता है जिसमें किडनी पूरी तरह से फेल जाती हैं और मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट या उम्र भर किडनी का डायलिसिस करवाना पड़ सकता है।
इसे भी पढ़ें- किडनी स्टोन से बचने के लिए फॉलो करें ये 5 टिप्स, डाइट और रूटीन में बदलाव है जरूरी
किडनी की बीमारी के लक्षण- Kidney Disease Symptoms
अगर आपको किडनी की बीमारी है, तो शरीर में ये लक्षण नजर आ सकते हैं-
- बार-बार पेशाब संंबंधित इन्फेक्शन होना।
- जोड़ों में दर्द का अनुभव करना।
- भूख न लगना और वजन कम होना।
- थकान और कमजोरी होना।
- बार-बार उल्टी होना।
- हाथ-पैरों में सूजन आना।
- बार-बार पेशाब आना।
- यूरिन के साथ खून आना।
- पेशाब के रंग, गंध और मात्रा में बदलाव।
किडनी की जांच करवाएं- Kidney Tests in Hindi
अगर आपको किडनी के असामान्य लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाएं। डॉक्टर ब्लड टेस्ट की मदद से किडनी रोग का पता लगाते हैं। ब्लड टेस्ट से किडनी की कार्यक्षमता का पता चलता है। ब्लड टेस्ट में यूरिया स्तर और क्रेटिनाइन की जांच होती है। वहीं किडनी रोग का पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट भी किया जाता है जिसमें क्रेटिनाइन, प्रोटीन और अन्य चीजों की मात्रा का पता चलता है। इसके अलावा एक्स-रे, अस्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन की मदद से भी किडनी रोग का पता लगाया जाता है। किडनी की कोशिकाओं में कैंसर का पता लगाने के लिए किडनी बायोप्सी भी की जाती है।
सही समय पर किडनी की बीमारी की जांच और इलाज करवाएं। सेहतमंद रहने के लिए किडनी फंक्शन की जांच करवाते रहना जरूरी है। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।