मर्चेंट पेमेंट प्रोसेसिंग यूनिकॉर्न रेजरपे (Razorpay) दो साल के बाद IPO लाने का प्लान कर रहा है। इसकी वजह है कि भारत में स्टार्टअप की रिवर्स फ्लिपिंग प्रक्रिया अगले 6 से 12 महीनों में खत्म होने वाली है। रिवर्स फ्लिपिंग किसी भारतीय कंपनी के हेडक्वार्टर को विदेश में ट्रांसफर करने के बाद उसे फिर से भारत में शिफ्ट करने की प्रक्रिया है। इसे ‘री-डोमिसाइलिंग’ के नाम से भी जाना जाता है। रेजरपे ने मई 2023 में अपनी पेरेंट कंपनी को अमेरिका से भारत में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
रेजरपे के को-फाउंडर और सीईओ हर्षिल माथुर ने मनीकंट्रोल को बताया कि हम भारत में रिवर्स फ्लिपिंग की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं और इसे पूरा होने में 6-12 महीने लगेंगे। हमने लागत और हर चीज का हिसाब लगा लिया है। उम्मीद है कि दो साल बाद रेजरपे का आईपीओ आएगा। शशांक कुमार और हर्षिल माथुर ने साल 2014 में रेजरपे को शुरू किया था। इसे वाई कॉम्बिनेटर, जीआईसी, सिकोइया कैपिटल इंडिया, रिबिट कैपिटल, मैट्रिक्स पार्टनर्स, मास्टरकार्ड और जैसे निवेशकों की फंडिंग प्राप्त है। इन्होंने सामूहिक रूप से कंपनी में 74 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश किया है। कंपनी की आखिरी बार वैल्यूएशन 7 अरब डॉलर से अधिक आंकी गई थी।
पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर भी रेजरपे कर सकेगा काम
फरवरी 2023 तक Razorpay ने लगभग 150 अरब डॉलर का सालाना टोटल पेमेंट वॉल्यूम (टीपीवी) दर्ज किया। 2022 में फर्म ने 9 करोड़ डॉलर का टीपीवी हासिल किया था। माथुर ने कहा, “हमें अगले वित्त वर्ष में 35-40 प्रतिशत की मामूली दर से बढ़ने की उम्मीद है और अब जब हम नए मर्चेंट को शामिल करने में सक्षम हैं, तो हम रेजरपे पेमेंट गेटवे में और अधिक वृद्धि देखेंगे।”
दिसंबर में, रेजरपे को पेमेंट एग्रीगेटर्स (पीए) के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से फाइनल ऑथराइजेशन मिला था। रेजरपे अपने प्लेटफॉर्म पर लगभग दो वर्षों के बाद नए मर्चेंट्स को ऑनबोर्ड कर सकता है। कंपनी का पेमेंट बिजनेस प्रॉफिटेबल है और कंपनी अपने सभी नॉन-पेमेंट कारोबारों को भी प्रॉफिटेबल बनाना चाहती है। माथुर ने कहा कि हम आईपीओ लाने से पहले हर चीज को प्रॉफिटेबल बनाना चाहते हैं।
रेजरपे ने 23 फरवरी को बेंगलुरु में आयोजित अपने वार्षिक रेजरपे एफटीएक्स कार्यक्रम में ट्रस्टेड बैज, कूपन कोड, सीओडी फ्रॉड प्रोटेक्शन और क्विक बाय टेक्नोलॉजी जैसे फीचर्स के साथ पेमेंट गेटवे 3.0 सहित कई नए प्रोडक्ट्स की घोषणा की। इवेंट के दौरान, फर्म ने एक एआई असिस्टेंट टूल ‘रे’ भी लॉन्च किया, जो पेमेंट्स, पेआउट, वेंडर पेमेंट आदि को लेकर ग्राहकों के सवालों का समाधान करने में मदद करेगा।