Byju’s Crisis: संकटग्रस्त एडटेक स्टार्टअप Byju’s ने सभी कर्मचारियों के फरवरी के बकाया वेतन का कुछ हिस्सा देने की घोषणा की है। स्टार्टअप ने वादा किया है कि वह हाल ही में क्लोज हुए राइट्स इश्यू (Byju’s Rights Issue) से हासिल पैसे का इस्तेमाल करने की इजाजत मिलने पर बाकी की सैलरी का भी भुगतान कर देगा। Byju’s ने कर्मचारियों को लिखे एक लेटर में कहा कि राइट्स इश्यू से अलग हासिल हो सकी पूंजी से सभी कर्मचारियों की फरवरी की सैलरी का कुछ हिस्सा शुक्रवार 9 मार्च की देर रात को प्रोसेस किया गया।
राइट्स इश्यू का फंड उपलब्ध होने के बाद कंपनी बाकी के पैसों का भी भुगतान कर देगी। Byju’s को यह फंड जल्द ही मिलने की उम्मीद है। Byju’s के मैनेजमेंट ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सैलरी 11 मार्च को कर्मचारी खातों में दिखाई देगी, क्योंकि महीने के दूसरे शनिवार और लॉन्ग वीकएंड के कारण इसमें देरी हुई।
पैसे की वैकल्पिक व्यवस्था की
Byju’s की ओर से आगे कहा गया, “अंतरिम रूप से, हमने ऑल्टरनेट फंडिंग अरेंजमेंट किए हैं ताकि आपका दैनिक जीवन बाधित न हो। अपने छात्रों को उस जुनून और समर्पण के साथ सेवा देने की हमारी प्रतिबद्धता, जिसके वे हकदार हैं, हमेशा की तरह मजबूत बनी हुई है और हम अपने ऑपरेशंस को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रहे हैं।”
Byju’s के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने कहा था कि कंपनी 10 मार्च तक कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान कर देगी। लेकिन वह इसमें असमर्थ हो गई क्योंकि राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाए गया पैसा, कंपनी के इनवेस्टर्स के साथ चल रहे विवाद के कारण “अलग खाते” में लॉक कर दिया गया। नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) ने 27 फरवरी के आदेश में Byju’s को, कंपनी के चार निवेशकों की ओर से दायर उत्पीड़न और कुप्रबंधन याचिका के सेटलमेंट तक राइट्स इश्यू से प्राप्त पैसे को एस्क्रो खाते में रखने का निर्देश दिया।
बायजू पर मुसीबतों का पहाड़
Byju’s पिछले कुछ वक्त से वेंचर कैपिटल फंडिंग में कमी और ऑनलाइन एजुकेशन के लिए डिमांड धीमी पड़ने की दोहरी मार झेल रही है। कंपनी ने पिछले 12 महीनों में हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इसके अलावा कई इनवेस्टर्स की ओर से कंपनी को विवादों और मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है। इसके निवेशक बोर्ड के सदस्यों ने भी रवींद्रन के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए इसे छोड़ दिया है।
Byju’s के शेयरधारकों की 23 फरवरी को असाधारण आम बैठक (EGM) हुई थी। इसमें स्टार्टअप की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think & Learn) के निवेशकों ने स्टार्टअप में कथित कुप्रबंधन और विफलताओं को लेकर फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिवार को बोर्ड से हटाने के पक्ष में मतदान किया था। EGM में बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन ने हिस्सा नहीं लिया। ये तीनों कंपनी के बोर्ड में हैं। कंपनी का कहना है कि चूंकि EGM में फाउंडर्स मौजूद नहीं रहे, इसलिए मतदान अमान्य और अप्रभावी है।