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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और इंडोनेशिया के केंद्रीय बैंक ने मुद्रा के सीमा पार लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए मुंबई में गुरुवार को समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत ने यूएई के बाद स्थानीय मुद्रा में कारोबार का दूसरा ऐसा समझौता किया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास और बैंक इंडोनेशिया के गवर्नर पेरी वारजियो ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। आरबीआई ने बयान में बताया कि भारत और इंडोनेशिया के बीच स्थानीय मुद्राओं में क्रॉस बॉर्डर लेनदेन का ढांचा स्थापित करने के लिए यह समझौता हुआ। इसका ध्येय रुपये (भारतीय रुपये) और आईडीआर (इंडोनेशिया का रुपया) में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना है।
इस समझौते में दोनों देशों के बीच सभी चालू खातों में लेनदेन, अनुमति प्राप्त पूंजी खाते से लेनदेन और आर्थिक व वित्तीय अन्य लेनदेन शामिल हैं। इस समझौते से निर्यातक और आयातक घरेलू मुद्राओं में इनवाइस और भुगतान कर सकेंगे। इससे भारतीय रुपये और इंडोनेशिया के रुपया की विदेशी मु्द्रा एक्सचेंज को बढ़ने में मदद मिलेगी। स्थानीय मुद्रा के इस्तेमाल से अनुकूल लागत व लेनदेन के समय को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
बयान के मुताबिक, ‘यह गठजोड़ आरबीआई और बैंक इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। द्विपक्षीय लेनदेन में स्थानीय मुद्रा का इस्तेमाल बढ़ने से भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार बढ़ेगा।
इसके अलावा भारत और इंडोनेशिया के बीच वित्तीय समावेशन मजबूत होगा, लंबे समय से जारी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वित्तीय संबंध मजबूत होंगे।’
फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए। कई अन्य देश व्यापार निपटान के लिए अमेरिकी डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं।
First Published – March 7, 2024 | 10:03 PM IST
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